16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हैदराबाद के कपल्स ने बच्चे के इलाज के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए एकत्रित किए करोड़ों रुपए

हैदराबाद के रहने वाले 3 वर्षीय अयांश को दुनिया की सबसे महंगी दवा दिलवाने के लिए उसके पैरेंट्स ने क्राउड-फंडिंग के जरिए 16 करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं।

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Jun 11, 2021

hyderabad_couple_collects_16_crore_for_sma_son_treatment.jpg

नई दिल्ली। आपने अब तक क्राउड-फंडिंग का उपयोग नए बिजनेस स्टार्ट करने या किसी प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करने के लिए ही सुना होगा। परन्तु हैदराबाद में रहने वाले एक कपल ने अपने तीन वर्षीय बेटे अयांश को बचाने के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए 16 करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं।

दरअसल ये पूरी कहानी है योगेश गुप्ता तथा उनकी पत्नी रुपल गुप्ता की। योगेश गुप्ता छत्तीसगढ़ के रहने वाले तथा हैदराबाद में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। उनका तीन वर्षीय बेटा अयांश एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy (SMA)) से पीड़ित है। अयांश की इस बीमारी का इलाज करने के लिए नोवॉर्टिस की एक दवा Zolgensma है जो दुनिया की सबसे कीमती दवा मानी जाती है। योगेश गुप्ता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे इस बीमारी के इलाज का खर्चा वहन कर सके।

यह भी पढें: दिल्ली में वाहनों की रफ्तार पर लगा ब्रेक, नई स्पीड लिमिट के नियम न मानने पर लगेगा जुर्माना

ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया पर क्राउड फंडिंग के जरिए पैसा एकत्रित करने का अभियान शुरू किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपील की और पैसे के लिए अपने एफर्ट्स शुरू किए। देखते ही देखते लगभग साढ़े तीन माह में उन्हें 65 हजार डोनर्स से 16 करोड़ रुपया एकत्रित कर लिया। सबसे बड़ी बात उन्हें पैसा देने वालों में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली तथा बॉलीवुड से जुड़े कई सेलेब्रिटीज यथा अनुष्का शर्मा, अर्जुन कपूर, सारा अली खान, इमरान हाशमी, जावेद जाफरी, राजकुमार राव जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।

यह भी पढें: पाकिस्तान की पंजाब सरकार का निर्देश, वैक्सीन न लगवाने वालों के मोबाइल सिम कार्ड ब्लॉक किए जाएं

पैसा एकत्रित होने के बाद अयांश का इलाज भी शुरू हो चुका है। उसके पिता ने बताया कि बुखार के अलावा वह नॉर्मल है और जल्दी ही उसे डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चे को कुल आठ डोज दी गई है, पूरे प्रोसेस में लगबग एक घंटा लगा और सभी कुछ सही से हो गया। फिलहाल डॉक्टर्स ने उसे कमजोर इम्यूनिटी के चलते अगले दो महीने तक क्वारेंटाइन रखने के लिए कहा है।

क्या होती है स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy (SMA))
यह वास्तव में एक जेनेटिक विकार है जिसके कारण शरीर की मसल्स हरकत करने की क्षमता खो देती है। ऐसे में बॉडी मूवमेंट नहीं हो पाता है। यह एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी होती है जो हजारों-लाखों में किसी एक को होती है। यह बीमारी बचपन में ही शरीर को गिरफ्त में ले लेती है। इसके इलाज के लिए जीन थैरेपी बेस्ड इंजेक्शन्स दिए जाते हैं जिसके बाद शरीर की नर्व्ज नॉर्मल स्थिति में आती हैं और शरीर मूवमेंट कर पाता है। पूरे विश्व में कुछ ही बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी की दवा भी काफी महंगी आती है।

क्या है Zolgensma
योगेश ने बताया कि यह दवा वास्तव में एडेनो एसोसिएटेड वायरस (AAV9) है जिसमें SMN जीन होता है, इसी जीन के कारण यह बीमारी होती है। यह दवा सिंगल डोज इंजेक्शन के रूप में आती है और शरीर में जीन के विकार को दूर कर उसे पुनः नॉर्मल स्थिति में लाती है।