पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले इतिहास के शिक्षक की निर्मम हत्या के बाद राष्ट्रपति मैक्रों के इस्लाम संबंधी बयानों से पाकिस्तान, इंडोनेशिया जैसे कई देशों में उनका विरोध हो रहा है, वहीं उनके समर्थन के लिए भारत जैसे देश भी आगे आए हैं।
मुझे शांति को बढ़ावा देना है मैक्रों ने कहा, ‘मैं समझ रहा हूं कि भावनाएं उमड़ रही हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन आपको मेरी भूमिका को समझना होगा। मुझे शांति को बढ़ावा देना है और अपने देश में बोलने, लिखने, सोचने, चित्र बनाने की स्वतंत्रता की रक्षा करनी है। वह मैं करूंगा।’ नीस के चर्च में हमले के बाद मैक्रों ने संभावित आतंकी हमलों के मद्देनजर पूजा स्थलों, स्कूलों आदि की सुरक्षा के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
100 से अधिक हस्तियों ने की निंदा देश की 100 से ज्यादा नामी शख्सियतों ने संयुक्त बयान जारी कर फ्रांस में मजहब के नाम पर हिंसक हमलों की कड़ी निंदा की है। इनमें अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, गीतकार जावेद अख्तर, अभिनेत्री शबाना आजमी, वकील प्रशांत भूषण, लेखक तुषार गांधी, रिटायर्ड आइपीएस जूलियो एफ रिबेरो जैसे नाम हैं। बयान में कहा गया है कि कुछ स्वयंभू मुस्लिम नेताओं के अनर्गल बयान ठीक नहीं। कोई भी मजहब, संत, पैगंबर या देवी-देवता हिंसा की सीख नहीं देते।
आतंकी हमलों में गिरफ्तारियां जारी फ्रांस के नीस में हमले में अब तक छह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस हमले से जुड़े आखिरी शख्स तक पहुंचना चाहती है। उधर, लियोन में गोली चला कर एक पादरी को गंभीर घायल करने पर एक संदिग्ध को भी हिरासत में लिया गया।