रफाल की खरीद पर वायुसेना प्रमुख ने कही बड़ी बात, चीन को दी चेतावनी, कहा- हिमाकत करने पर देंगे मुंहतोड़ जवाब
HIGHLIGHTS
- एयर चीफ मार्शल भदौरिया ( Air Chief Marshal RKS Bhadauria ) ने कहा कि भारत को अभी तक आठ रफाल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं, जबकि तीन रफाल जल्द आने हैं।
- वायुसेना प्रमुख ने इशारों में ही चीन को चेतावनी दी है कि एलएसी पर कोई भी उकसावे की कार्रवाई की तो हम चुप नहीं बैठेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे।

नई दिल्ली। रफाल लड़ाकू विमान ( Rafale Fighters Jets ) को भारतीय सेना में शामिल किया जा चुका है, लेकिन अभी भी इसको लेकर सियासत जारी है। इन सबके बीच रफाल खरीद को लेकर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने कहा कि 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमानों की खरीद की हमारी परियोजना का रफाल एक गंभीर दावेदार है।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि भारत को अभी तक आठ रफाल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं, जबकि तीन रफाल जल्द आने हैं। इसके बाद अगले महीनों में भी रफाल के आने का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि रफाल के पायलटों को ट्रेनिंग दी जा रही है। उम्मीद है कि अगले साल तक रफाल टास्क पूरा हो जाएगा।
Rafale is a serious contender for our project to buy 114 multirole fighter aircraft: India Air Force Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria in Jodhpur pic.twitter.com/c0PnvDYqi2
— ANI (@ANI) January 23, 2021
If they can be aggressive, we can also be aggressive: IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria on the possibility of the Chinese getting aggressive on LAC pic.twitter.com/m3pYmgR0ok
— ANI (@ANI) January 23, 2021
हर चुनौती से निपटने को भारत तैयार
वायु सेना प्रमुख भदौरिया ने शनिवार को जोधपुर एयरबेस से एक बयान में इशारों-इशारों में चीन को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सीमा पर किसी भी तरह के गतिरोध का जवाब देने के लिए तैयार है। यदि एलएसी पर कोई भी उकसावे की कार्रवाई की तो हम चुप नहीं बैठेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारतीय वायुसेना दुश्मनों को उसकी हिमाकत को मुंहतोड़ जवाब देगी।
IAF Chief की चीन-पाकिस्तान को दो टूक, दो मोर्चों पर भी किसी युद्ध को तैयार है वायु सेना
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच बीते कई महीनों से तनाव जारी है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि हमने DRDO के साथ उन्नत मल्टीरोल लड़ाकू विमानों की परियोजना के तहत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के निर्माण के कार्यक्रम की शुरुआत की है।
इस परियोजना में सभी अत्याधुनिक तकनीकों को जोड़ना शामिल है। साथ ही साथ इसमें छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की क्षमताओं को भी जोड़ना चाहते हैं। हालांकि, अभी हमारा फोकस पांचवीं पीढ़ी के उन्नत लड़ाकू विमानों पर ही है।
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