एक मीडिया हाउस के साथ बातचीत के दौरान पीटर कोलचिन्स्की का कहना है कि यह वायरस बेहद शातिर है, क्योंकि यह साइलेंटली लोगों को संक्रमित कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मामले सबसे बड़ी चुनौती है। वायरलॉजिस्ट का कहना है कि यह इंसानों के श्वसन तंत्र में पहुंचकर तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने लगता है।
उनका कहना है कि कोरोना वायरस के शिकार होने पर कई लोगों में उसके लक्षण नहीं दिख रहे, जिसके कारण वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि जब तक संक्रमित लोगों में उसके कोरोना के लक्षण दिखते हैं, तब तक यह अपना संक्रमण दूसरों में भी फैलाना शुरू कर देता है।
पीटर कोलचिन्स्की ने यह भी दावा किया कि कुछ मरीजों में कोरोना के काफी हल्के लक्षण दिखते हैं, जिसके कारण मरीजों को पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है और फिर यह बेहद खतरनाक हो जाता है। उनका ये भी कहना है कि वायरस के संक्रमण में सबको अपनी भूमिका को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा। क्योंकि, सावधानी बरतने से ही इस वायरस से बचा सकता है। क्योंकि, दुनिया में अगर 80 फीसदी लोग बिना लक्षण वाले मामले हैं तो मृत्यु दर एक फीसदी हो सकती है।
लेकिन समस्या ये है कि अगर दुनिया में 0.2 फीसदी भी मरते हैं तो यह अरबों लोगों की मौत होगी। गौरतलब है कि ICMR ने भी कहा है कि भारत में तकरीबन कोरोना के 80 फीसदी मामले बिना लक्षण वाले हैं। ICMR के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रमन गंगाखेड़कर का कहना है कि अगर 100 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होता हैं, तो उनमें 80 फीसदी में या तो कोई लक्षण नहीं है या फिर बेहद हल्के लक्षण दिखते हैं। उनका कहना है कि यह देश के लिए काफी चिंताजनक बात है। क्योंकि, ऐसे मरीजों की पहचान करना काफी मुश्किल होता है और परिणाम ये होता है कि संक्रमण काफी बढ़ जाता है। इस रिपोर्ट ने यकीनन भारत की चिंता बढ़ा दी है।