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ICMR सर्वे : गांव के मुकाबले शहरी लोग ज्यादा मजबूत, हॉटस्पॉट एरिया में रहने वाली 30 प्रतिशत आबादी ने दी कोरोना को मात

locationनई दिल्लीPublished: Jun 12, 2020 12:15:05 pm

Submitted by:

Soma Roy

ICMR Survey : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने 60 जिलों और 6 शहरी हॉटस्पॉट एरिया के लोगों का लिया था सैंपल
मुंबई, दिल्ली, पुणे और अहमदाबाद के सैंपल्स में एंटीबॉडीज की मात्रा मिली ज्यादा

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ICMR Survey

नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। शहरों में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत कुछ दूसरे बड़े शहरों में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है। गांवों में अभी इसकी पकड़ उतनी ज्यादा नहीं है। ऐसे में अधिकर लोगों का मानना है कि गांव के लोग ज्यादा मजबूत है। जबकि ऐसा नहीं है। हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नए सर्वे (Survey) रिपोर्ट में पता चला कि ग्रामीणों के मुकाबले शहरी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मजबूत है। क्योंकि सर्वे के दौरान 60 जिलों और 6 शहरी हॉटस्पॉट एरिया में रहने वाले लोगों के सैंपल लिए गए थे। जिसमें पाया गया कि हॉटस्पॉट एरिया में रहने वाली 30 प्रतिशत आबादी अनजाने में कोरोना संक्रमित (Coronavirus Infected) हो गई, लेकिन बाद में ये सभी रिकवर भी हो गए क्योंकि इनके शरीर में एंटीबॉडीज (Antibodies) की मात्रा ज्यादा थी।
आईसीएमआर की ओर से किए गए Sero-Survey के तहत लोगों के ब्लड सीरम के अंदर मौजूद कोरोना एंटीबॉडीज की टेस्टिंग की गई। वैज्ञानिकों ने प्रत्येक हॉटस्पॉट एरिया से 500 सैंपल्स इकट्ठा किए। वहीं नॉन हॉटस्पॉट जिलों से 400 सैंपल लिए। सर्वे के दौरान करीब 30 हजार सैंपलों की एंटीबॉडी के लिए ELISA टेस्ट किया गया। सर्वे रिपोर्ट में सामने आया कि मुंबई, दिल्ली, पुणे और अहमदाबाद के सैंपल्स में लगभग 30 फीसदी लोगों में वायरस की एंटीबॉडीज मिली हैं। जबकि सबसे कम सबसे कम एंटीबॉडी 0.3 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में मिली हैं।
क्या होता है एंटीबॉडी?
वैज्ञानिकों के अनुसार जब कोई वायरस या बैक्‍टीरिया शरीर में प्रवेश करता है तो वो टिशूज समेत अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। इस दौरान हमारे शरीर के अंदर कुछ प्रोटीन बनते हैं, जिनका आकार Y शेप का होता है। यह प्रोटीन वायरस और बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में मदद करता हैं। इसी प्रोटीन को एंटीबॉडी कहते हैं।
देश में नहीं है कम्युनिटी ट्रांसमिशन का डर
इसी सर्वे के आधार पर सरकार ने कहा कि देश में कोरोनावायरस का कोई कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने दावा किया कि शहर में कोरोना टेस्‍ट में पॉजिटिव आए लगभग 50 प्रतिशत रोगियों में कोरोना संक्रमण के प्रसार के स्रोत की जानकारी नहीं है। ICMR के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘कम्‍युनिटी स्‍प्रेड’ शब्द की परिभाषा नहीं दी है।
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