टेस्टिंग की रणनीति को सफल बनाने के लिए आईसीएमआर की ओर से चार श्रेणियों के तहत निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कंटेनमेंट जोन में काम करने वाले हेल्थवर्कर्स की टेस्टिंग पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया। गाइडलाइन के तहत ऐसे लोगों में लक्षण हों या ना हों वे अपनी जांच करा सकते हैं। वहीं ऐसे लोग भी अपनी कोविड—19 जांच करा सकते हैं जो 14 दिनों में कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा की हो। जैसे-वंदे भारत मिशन के तहत देश लौटने वाले लोग कोरोना की जांच करा सकते हैं। आईसीएमआर का कहना है कि अस्पतालों में गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) से पीड़ित सभी रोगियों की जांच होगी। इसके साथ ही हेल्थकेयर सेंटर में मौजूद सभी लक्षण वाले लोगों की जांच होगी।
आईसीएमआर की ओर से राज्यों को सलाह दी गई है कि दूसरे राज्य से आने वाले लोगों की भी कोरोना जांच की जानी चाहिए। उन्हे यात्रा के लिए कोविड-19 निगेटिव होना अनिवार्य है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और ट्रैकिंग की रणनीति अपनाई जानी चाहिए। हालांकि अभी इस फैसले पर राज्य सरकारें विचार कर रही हैं। जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।