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US Election 2020: वोटिंग आज, लेकिन जनता ने मुझे राष्ट्रपति नहीं बनाया, तो फैसला नहीं मानूंगा: ट्रंप

Published: Nov 03, 2020 08:23:04 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.

अबकी बार किसकी सरकार पर संशय बरकरार, चुनाव प्रचार के अंतिम दिन ट्रंप ने अपनाया अलग रुख
ट्रंप या बाइडेन कौन बनेगा राष्ट्रपति, 50 अमरीकी राज्यों के वोटर आज करेंगे फैसला
ट्रंप ने दिए संकेत, नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर जा सकते हैं कोर्ट

Donald Trump
नई दिल्ली।

अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव मंगलवार को हैं, लेकिन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने प्रचार के आखिरी समय यह वादा करने से मना कर दिया कि नतीजे कुछ भी हों, वह उसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे नतीजों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ सकते हैं। इससे यह संभावना बढ़ गई है कि अगर कांटे का मुकाबला रहा तो पोस्टल बैलेट में गड़बडिय़ों का आरोप लगाते ट्रंप अदालत जा सकते हैं।
हालांकि, डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडेन ने चुनाव प्रणाली पर भरोसे के साथ जीत का दावा किया है। ऐसा ही 2000 में हुआ था। रिपब्लिकन प्रत्याशी जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट उम्मीदवार अल गोर के बीच फ्लोरिडा के वोटों की पुनर्गणना को लेकर छिड़ा विवाद सुप्रीम कोर्ट जाकर खत्म हुआ, बुश जीते। ट्रंप को उम्मीद है कि उनके साथ भी ऐसा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में अपनी पसंद एमी कोने बैरेट को नियुक्त करवाना भी ट्रंप की उम्मीद को बलवती कर रहा है।
इस बार 24 करोड़ मतदाता

अमरीका में इस बार करीब 24 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 16 सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी राज्यों से निर्णायक वोट आते हैं, जो वास्तव में यह निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि राष्ट्रपति पद किसके पास जाएगा।
बाइडेन ने बताए 800 शीर्ष दानदाताओं के नाम

बाइडेन ने भारतीय-अमरीकियों सहित 800 प्रमुख दानदाताओं के नाम उजागर किए। जिन्होंने उन्हें इस साल उनके चुनावी अभियान के लिए कम से कम एक लाख डॉलर जुटाने में मदद की। इनमें स्वदेश चटर्जी, रमेश कपूर, शेखर एन नरसिम्हन, आर रंगस्वामी, अजय भूटोरिया, नील मखीजा व फ्रैंक इस्लाम आदि हैं।
प्रचार के अंतिम दिन ट्रंप और बाइडेन ने झोंकी ताकत

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन दोनों प्रत्याशियों ने निर्णायक राज्यों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कैरोलिना से लेकर विस्कॉन्सिन तक पांच राज्यों में रैलियां की। डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ने पेन्सिल्वेनिया को अधिक समय दिया। फ्लोरिडा की एक रैली में ट्रंप ने संकेत दिया कि वे चुनाव के बाद शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फौसी को बर्खास्त कर सकते हैं। फौसी, वायरस को नियंत्रित करने के लिए ट्रंप की आलोचना करते आए हैं। इस चुनाव में कोरोना प्रबंधन एक बड़ा मुद्दा रहा है। ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी बाइडेन, दोनों के भारतीय-अमरीकी समर्थकों ने भी संबंधित उम्मीदवारों को वोट डलवाने के लिए निर्णायक राज्यों में अपने समुदाय के बीच जम कर प्रचार किया। मंगलवार को 50 राज्यों के नागरिक एक साथ वोट देंगे। करीब ९.२ करोड़ नागरिक मुख्य मतदान दिवस से पहले ही पोस्टल या इन-पर्सन वोट डाल चुके हैं। कोरोना के चलते अर्ली वोटिंग में ऐतिहासिक उछाल आई है।
अमरीकी नागरिक हैं पर नहीं दे सकते वोट

बड़े भू-भाग और द्वीपों वाले विशाल अमरीका में 50 राज्य तथा कई गैर-निगमीकृत क्षेत्र हैं। खास यह है कि अमरीका की नागरिकता होने और पासपोर्ट होने के बावजूद ऐसे क्षेत्रों के लोग राष्ट्रपति तथा कांग्रेस के चुनाव में भाग नहीं ले सकते। ये स्थानीय निकाय से लेकर कई क्षेत्रों में गवर्नर तक का चुनाव करते हैं, पर कांग्रेस और राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं ले सकते। जिस-जिस भी अन-इनकॉरपोरेटेड टेरिटरीज के लिए कांग्रेस कानून बनाती है, वे ऑर्गेनाइज्ड और शेष अन-ऑर्गेनाइज्ड हैं। स्थानीय प्रशासन के लिए स्वयं कानून बनाने वाली ये टेरिटरीज संयुक्त राज्य अमरीका के अधीन हैं। ऐसा भी है कि कई टेरिटरीज पर अमरीका का कब्जा है। अमरीकी राष्ट्रपति तथा कांग्रेस के चुनाव में राज्य के निवासी ही वोट कर सकते हैं। जिन क्षेत्रों को राज्य का स्टेटस प्राप्त नहीं है, वह इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते।
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