देशव्यापी हड़ताल के दौरान सभी गैर-जरूरी और गैर-कोविड सेवाएं (Non-COVID Services) बंद रहेंगी। पहले से तय ऑपरेशन नहीं किए जाएंगे।
डॉक्टरों की हड़ताल के तहत सभी प्राइवेट अस्पताल में ओपीडी को बंद रखने का फैसला लिया गया है। निजी अस्पतालों में सिर्फ आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं (Emergency Services) जारी रहेंगी।
देशभर के निजी अस्पतालों ने हड़ताल पर चिंता जताई है। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
आईएमए की देशव्यापी हड़ताल का असर आईसीयू (ICU) और सीसीयू (CCU) जैसी इमरजेंसी सेवाओं पर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही सभी सरकारी अस्पताल खुले रहेंगे। सुबह 6 से शाम 6 तक हड़ताल
आईएमए ने कहा है कि 11 दिसंबर को सभी डॉक्टर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे।
हाल में सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि आयुर्वेद के डॉक्टर भी अब जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के साथ आंख, कान, गले की सर्जरी कर सकेंगे।
सीसीआईएम की अधिसूचना को लेकर आईएमए का कहना है कि इससे नीति आयोग की ओर से चार समितियों के गठन से सिर्फ मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा। एसोसिएशन ने अधिसूचना वापस लेने और नीति आयोग की ओर से गठित समितियों को रद्द करने की मांग की है।
– आयुर्वेद के कुछ खास क्षेत्र के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने का अधिकार दिया
– सीसीआईएम ने 20 नवंबर को जारी अधिसूचना में 39 सामान्य सर्जरी प्रक्रियाओं को सूचीबद्ध किया था, जिनमें 19 प्रक्रियाएं आंख, नाक, कान और गले से जुड़ी हैं।
– केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को 58 तरह की सर्जरी सीखने और प्रैक्टिस की इजाजत दी है
केंद्र सरकार के आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी देन के फैसले को आईएमए ने मरीजों की जान से खिलवाड़ बताया है। साथ ही ये मांग की है कि सरकार तुरंत इस फैसले को वापस ले।
संगठन ने कहा था कि यह चिकित्सा शिक्षा या प्रैक्टिस का भ्रमित मिश्रण या खिचड़ीकरण है। सरकार के इस फैसले से एलोपैथी के चिकित्सकों में सबसे ज्यादा नाराजगी है।