
पुणे में सोशल डिस्टेंसिंग पर सख्ती से अमल करे प्रदेश सरकार।
नई दिल्ली। वैसे तो संपूर्ण महाराष्ट्र ( Maharashtra ) में कोरोना मरीजों की संख्या केंद्र और प्रदेश सरकार के लिए गंभीर विषय बना हुआ है, लेकिन पुणे को लेकर केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल ( IMCT ) ने गंभीर चिंता जताई है। इस दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पुणे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। प्रदेश सरकार सोशल डिस्टेंसिंग पर सख्ती से अमल कराए। साथ ही टेस्टिंग की गति में तेजी लाने पर जोर दिया है।
IMCT ने महाराष्ट्र के पुणे में डॉक्टरों, सब्जी विक्रेताओं और दुकानदारों के बीच कोरोना संक्रमण को बताया है कि ये सभी बहुत लोगों के संपर्क में आते हैं। इसलिए इनसे कोरोना का खतरा बढ़ने की आशंका हमेश बनी रहती है। हेल्थ मिनिस्ट्री के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी ने बताया कि आईएमसीटी ने पाया है कि महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर पुणे में कोरोना वायरस ( coronavirus ) संक्रमण के मामले दोगुना होने की औसत दर देश के औसत के मुकाबले अधिक है।
इस बात की भी जानकारी मिली है कि पुणे की बस्तियों, बाजारों और अन्य स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना महामारी के जमीनी हालात का जायजा लेने पुणे पहुंची आईएमसीटी ने सुझाव दिया कि अति प्रभावित लोगों का तुरंत पता लगाकर जांच में वृद्धि करनी चाहिए।
दूसरी तरफ पुणे में अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि उन्होंने भी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बस्तियों में भीड़ कम करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि घनी आबादी वाले क्षेत्र जैसे भवानी पेठ, कस्बा, शिवाजी नगर और यरवदा में रहने वाले लोगों को नगर निगम की ओर से स्कूलों में बनाए गए सुविधा केंद्रों में जाने के लिए कहा गया है।
बता दें कि इन इलाकों में अब तक संक्रमण के करीब 800 मामले सामने आ चुके हैं। पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने कहा कि यहां कई ऐसे इलाके हैं जोकि कोरोना वायरस हॉटस्पॉट ( Hotspot ) हैं और यहां आबादी इतनी घनी है कि सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) के नियमों का पालन करना लगभग असंभव हो जाता है। इसलिए हमने इन बस्ती से भीड़ कम करने का फैसला किया है।
Updated on:
28 Apr 2020 04:46 pm
Published on:
28 Apr 2020 10:09 am
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