पाकिस्तान नहीं लेता है अपने आतंकियों का शव
आपको बता दें कि कश्मीर घाटी में मारे गए ज्यादातर आतंकी पाकिस्तान के होते हैं। भारतीय सेना विदेशी आतंकियों के मारे जाने के बाद उनकी पहचान कर पाकिस्तानी एजेंसियों को सूचित करती है, लेकिन पाकिस्तान के अधिकारी उन्हें अपने देश का नागरिक मानने से इनकार कर देते हैं। जिस वजह से उन्हें कश्मीर की कब्रगाहों में ही दफनाया जाता है।
आपको बता दें कि कश्मीर घाटी में मारे गए ज्यादातर आतंकी पाकिस्तान के होते हैं। भारतीय सेना विदेशी आतंकियों के मारे जाने के बाद उनकी पहचान कर पाकिस्तानी एजेंसियों को सूचित करती है, लेकिन पाकिस्तान के अधिकारी उन्हें अपने देश का नागरिक मानने से इनकार कर देते हैं। जिस वजह से उन्हें कश्मीर की कब्रगाहों में ही दफनाया जाता है।
ट्रेनिंग नहीं मिलने से कमजोर पड़े आतंकी
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल करीब 70 युवाओं ने अलग-अलग आतंकी संगठनों का हाथ थामा है, लेकिन ट्रेनिंग की कमी की वजह से वे कमजोर नजर आ रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ऐसे आतंकियों का सफाया करने में सेना को आसानी हो रही है। आपको बता दें कि पहले आतंकी संगठन कश्मीरी नौजवानों को सीमा पार ट्रेनिंग के लिए भेजते थे, लेकिन अब एलओसी पर सेना की चौकसी बढ़ जाने से पीओके जाकर ट्रेनिंग लेना और वापस लौटना बहुत मुश्किल हैं। बहुत सारे आतंकी सीमा पार करते वक्त या फिर वापस आते ही ढेर कर दिए जाते हैं। जिस वजह से अब नए आतंकियों को पाकिस्तान ट्रेनिंग नहीं दे पा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल करीब 70 युवाओं ने अलग-अलग आतंकी संगठनों का हाथ थामा है, लेकिन ट्रेनिंग की कमी की वजह से वे कमजोर नजर आ रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ऐसे आतंकियों का सफाया करने में सेना को आसानी हो रही है। आपको बता दें कि पहले आतंकी संगठन कश्मीरी नौजवानों को सीमा पार ट्रेनिंग के लिए भेजते थे, लेकिन अब एलओसी पर सेना की चौकसी बढ़ जाने से पीओके जाकर ट्रेनिंग लेना और वापस लौटना बहुत मुश्किल हैं। बहुत सारे आतंकी सीमा पार करते वक्त या फिर वापस आते ही ढेर कर दिए जाते हैं। जिस वजह से अब नए आतंकियों को पाकिस्तान ट्रेनिंग नहीं दे पा रहा है।