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Independence Day 2021: आजादी से पहले की वो कंपनियां जो आज भी हैं भारतीय बाजार की शान

  Independence Day 2021: आजादी से पहले की करीब 70 कंपनियों ने देश की अर्थव्यवस्था को यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। ऐसी कंपनियां आज भी भारतीय बाजार की शान हैं और दमखम के साथ बाजार में डटी हुई हैं।

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TATA Steel 1907

TATA Steel 1907

Independence Day 2021: देशभर में 75वीं स्वतंत्रता दिवस ( 75th independence day of India ) मनाने का सिलसिला आज सुबह से धूमधाम से जारी है। इस बार स्वतंत्रता दिवस लगभग 1.4 अरब भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। ऐसा इसलिए कि मोदी सरकार 75वीं स्वतंत्रता दिवस 2021 ( 75 independence day 2021 ) के उपलक्ष्य में सालभर कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया है। फिर आजादी से लेकर अब तक के सफर में भारत एक परिपक्व लोकतंत्र और वैश्विक शांति स्तंभ के रूप में उभरा है। साथ ही दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था ( fifth economy ) बनने की दिशा में अग्रसर है। खास बात यह है कि देश की अर्थव्यवस्था को यहां तक पहुंचाने में आजादी से पहले से भारत में कार्यरत कंपनियों की भूमिका भी अहम रही है। आज भी 70 से ज्यादा कंपनियां देश भर में ऐसी हैं जो आजादी से पूर्व से ही कार्यरत हैं और भारतीय बाजार की शान हैं। साथ ही पूरी दमखम के साथ बाजार में डटी हुई हैं।

भारत में आजादी से पहले से संचालित प्रमुख कंपनियां :

1919 : बिरला कार्पोरेशन लिमिटेड

1919 में बिड़ला जूट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के रूप में स्थापित बिरला कार्पोरेशन लिमिटेड ( Birla Corporation Limited ) मध्य प्रदेश की प्रमुख कंपनी है। यह बिरला समूह की कंपनी है। अपने पहले अध्यक्ष माधव प्रसाद बिड़ला के नेतृत्व में कंपनी काम शुरू किया था। सीमेंट, विनाइल फ्लोरिंग और ऑटो ट्रिम्स में विविधता आज भी यह कंपनी सभी सेवा में कार्यरत है। बिड़ला जी की पत्नी प्रियंवदा बिड़ला की अध्यक्षता में इसने 1,300 करोड़ रुपए के कारोबार का आंकड़ा पार कर लिया और 1998 में इसका नाम बदलकर बिड़ला कॉर्प कर दिया गया।

1903 : इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड

जमशेदजी टाटा द्वारा 1903 में इंडियन होटल्स कंपनी की स्थापना की गई थी। मुंबई में ताजमहल पैलेस भारतीय व्यापार समूह द्वारा सबसे पहले खोला गया था। इस होटल की स्थापना को लेकर दो धारणाएं हैं। एक किस्सा कहता है कि टाटा मुंबई के वाटसन होटल में नस्लीय भेदभाव का सामना करने के बाद भारतीयों के लिए यूरोपीय मानकों के अनुसार सबसे अच्छा होटल बनाना चाहता था। दूसरा कारण यह है कि 1880 के दशक में टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व संपादक और टाटा के करीबी दोस्त लोवेट फ्रेजर ने बॉम्बे को बेहतर बनाने के लिए दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ लोगों को आकर्षित करना चाहते थे। यह होटल 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी का भी गवाह है। लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकियों ने इस होटल को निशाना बनया था। इस हमले में 166 निर्दोष लोग मारे गए थे।

1866 : नेस्ले

1866 में जर्मन मूल के फार्मासिस्ट हेनरी नेस्ले बच्चों के लिए वेवे और स्विटज़रलैंड में फरीन लैक्टी ( दूध के साथ आटा ) से बना उत्पाद लेकर सामने आए। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान संघनित दूध की मांग के कारण यह कारोबार अच्छा चला। इसके बाद कंपनी लोकप्रिय उत्पाद नेस्काफे यासनि कॉफी के कारण 1929 की महामंदी के बावजूद अपने अस्तित्व में है। वर्तमान में नेस्ले दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य और पेय कंपनी है।

1892 : ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की स्थापना 295 रुपए में ब्रिटिश अधिकारियों और उनके परिवारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी। 1910 में यंत्रीकृत किया गया और 1921 में औद्योगिक ओवन स्थापित किए गए। 1954 में इसने उच्च गुणवत्ता वाली स्लाइस और लिपटे ब्रेड का बनाना शुरू किया। 2000 में फोर्ब्स की वैश्विक सूची में ब्रिटानिया शीर्ष 300 छोटी फर्मों में शामिल थी।

1902 : शालीमार पेंट कलर एंड वार्निश कंपनी

शुरुआत में शालीमार पेंट कलर एंड वार्निश कंपनी कहा जाता था। शालीमार पेंट्स लिमिटेड की स्थापना 1902 में हावड़ा में एएन टर्नर और एएन राइट ने की। कंपनी का काम एविएशन कोटिंग्स, मरीन पेंट्स और थर्मल पावर प्लांट्स की पेंटिंग से जुड़ा है। राष्ट्रपति भवन, हावड़ा ब्रिज और साल्ट लेक स्टेडियम में शालीमार पेंट का इस्तेमाल शुरू से लेकर अब तक जारी है।

1907 : टाटा स्टील लिमिटेड

टाटा स्टील ने 1907 में जमशेदपुर में एशिया के पहले एकीकृत इस्पात संयंत्रों में से एक की स्थापना की। स्वतंत्रता के बाद नई तैयार की गई पंचवर्षीय योजनाओं के तहत घोषित परियोजनाओं के लिए टाटा का स्टील कारखाना सामने आया। इसने कोलकाता में हावड़ा ब्रिज, भाखड़ा-नंगल परियोजना और दामोदर घाटी निगम, कांडला में बंदरगाह और चंडीगढ़ शहर के निर्माण के लिए स्टील की आपूर्ति की।

1911 : टीवीएस

टीवीएस कंपनी की स्थापना 1911 में एक फ्लीट ऑपरेटर टीवी सुंदरम लियांगर ने की थी। आज टीवीएस समूह ऑटोमोबाइल, विमानन, शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा, वित्त, आवास, बीमा, निवेश, रसद और वस्त्र आदि क्षेत्रों में फैला हुआ है। इस ग्रुप के अंदर 90 से अधिक फर्म हैं जिनमें से सबसे बड़ी टीवीएस मोटर कंपनी है।

1920 : कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड

गुडलास और लीड इंडस्ट्रीज ग्रुप लिमिटेड बनाने के लिए तीन ब्रिटिश फर्मों का विलय हुआ। कई अधिग्रहणों और नामकरण में बदलाव के बाद कंपनी को गुडलास नेरोलैक पेंट्स प्राइवेट कहा गया। 1968 में यह सार्वजनिक बनी और 2000 में इसे जापान के कंसाई पेंट कंपनी द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया।

1925 : रेमंड लिमिटेड

1925 में रेमंड समूह ने महाराष्ट्र के ठाणे में अपनी पहली ऊनी मिल की स्थापना की। 1958 में मुंबई में पहला अनन्य रेमंड रिटेल शोरूम खोला गया था। 10 साल बाद रेमंड ने ठाणे में अपना रेडीमेड गारमेंट प्लांट खोला। आज यह 250 करोड़ रुपए के कारोबार के साथ भारत में तैयार वस्त्र क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है। पहले की तरह आज भी रेमंड की क्वालिटी में लोगों का भरोसा बरकरार है।

1926 : हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड

27 जनवरी 1926 को पंजीकृत हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपना पहला बांध और पुल 1954 में बनाया। वैतरना बांध ( मुंबई ) और तोरसा नदी ( असम ) में रेलवे पुल बनाने का काम इसी कंपनी ने किया। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में फरक्का बैराज और केरल में इडुक्की बांध बनाने का काम भी इस कंपनी के खाते में शामिल हैं।

1935 : सिप्ला लिमिटेड

सिप्ला के संस्थापक डॉ केए हमीद ने कंपनी को 1935 में मुंबई में केमिकल, इंडस्ट्रियल और फार्मास्युटिकल लेबोरेटरीज का खिताब दिया। 1970 में इसने भारत के पेटेंट कानूनों को बदलने के लिए सफलतापूर्वक पैरवी की। वर्तमान में कंपनी का कारोबार 100 देशों में फैला हुआ है। सिप्ला आज भी मेडिसिन इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम है।