scriptIndependence Day 2020: सुभाष चंद्र बोस की फौज में शामिल थे गुमनाम 450 सैनिक, हरियाणा सरकार को भेजा रिकॉर्ड | Independence Day : Subhash Chandra Bose Missing Soldiers Record Found | Patrika News

Independence Day 2020: सुभाष चंद्र बोस की फौज में शामिल थे गुमनाम 450 सैनिक, हरियाणा सरकार को भेजा रिकॉर्ड

locationनई दिल्लीPublished: Aug 15, 2020 01:01:03 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

ये रिकॉर्ड हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी (Haryana Freedom Fighter) सम्मान समिति को भेजा गया है ताकि इन्हें उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके।
आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj) के सिपाहियों अपनी जान बाजी लगाकर अंग्रेजों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था।

Azad Hind Fauj

आजाद हिंद फौज के गुमनाम सिपाही।

नई दिल्ली। द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के दौरान अंग्रेजों पर दबाव बनाने के लिए सुभाष चंद्र बोस ने अपनी फौज खड़ी की थी। इस दौरान उन्होंने भारत के विभिन्न मोर्चो पर अंग्रेजों से जंग लड़ी थी। आजाद हिंद फौज के सिपाहियों अपनी जान बाजी लगाकर अंग्रेजों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। मगर आज तक इन गुमनाम सिपाहियों के नाम सामने नहीं आ पाए हैं।
इनमें हरियाणा के सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार यह तक नहीं जानते कि उनके पूर्वजों ने कभी आजादी के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी थी। हरियाणा के ऐसे 450 शूरवीरों के नाम अब सामने आए हैं जो आजाद हिंद फौज के सिपाही रहे थे। इन सभी का रिकॉर्ड राज्य सरकार के अंतरगर्त आता है। ये रिकॉर्ड हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेजा गया है ताकि इन्हें उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके।
हरियाणा के कई लोगों को बस इतना मालूम है कि उनके पूर्वज ने कभी ब्रिटिश फौज का हिस्सा थे। ब्रिटिश फौज ने उन्हें विभिन्न मोर्चों पर लड़ाई के लिए भेजा और उसके बाद वे कभी भी लौटकर नहीं आ सके। ये इस बात से अनजान थे कि उनके पूर्वज ने बाद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर अंग्रेजो से बगावत कर ली थी। वे ब्रिटिश आर्मी छोड़कर अपने देश को आजाद करने क लिए लड़ाई के मैदान में कूद पड़े थे। वे आजाद हिंद फौज के सिपाही बन गए थे।

दरअसल आजाद हिंद फौज के अफसरों ने हर सिपाही का रिकॉर्ड रखा हुआ था। बोस की आजाद हिंद फौज के अफसरों ने अपनी विभिन्न रेजीमेंटों को नाम दिया हुआ। ये नाम उनके इलाकों के हिसाब से होते थे। इस रेजीमेंट के एक-एक सिपाही का रिकार्ड रखा जाता था। ये रिकॉर्ड सुभाष चंद्र बोस के गोपनीय दस्तावेजों का भाग था। आजादी के बाद भी कई दशकों तक ये दस्तावेज सरकार ने गोपनीय रखे।
अब बोस के तमाम दस्तावेज सामने आ चुके हैं। इसलिए राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग के पास बोस के तमाम सिपाहियों का रिकॉर्ड भी मिले हैं। इस रिकॉर्ड को बीते सात साल से चरखीदादरी के गांव दाणी फौगाट के मूल निवासी श्रीभगवान फौगाट ढूढ़ रहे हैं। वे अभी रेवाड़ी में रहते हैं। श्रीभगवान के पिता श्रीराम सिंह फौगाट भी आजाद हिंद फौज के गुमनाम सिपाही थे। लंबे संघर्ष के बाद श्रीभगवान ने ये पहचान दिलवाई।

इन सिपाहियों को विद्रोही करार दे चुके थे अंग्रेज
श्रीभगवान फौगाट के अनुसार वे अपने पिता के रिकॉर्ड के लेकर कई बार सेना भवन, रक्षा व गृह मंत्रालय भवन और राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग जाते रहे हैं। वहीं उन्होंने देखा कि हरियाणा से जुड़े लोग आजाद हिंद फौज के कई सिपाही आज गुमनाम जिंदगी जी रहे हैं। उनके नाम फाइलों में ही दबे रह गए हैं।
श्रीभगवान के अनुसार उन दिनों सुभाष चंद्र बोस का काफी अधिक प्रभाव था। उनके आह्वान पर ब्रिटिश फौज के सिपाहियों ने बगावत कर दी थी। वे आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। अंग्रेजों ने इसे विद्रोह माना है। इसके कुछ सिपाही आजाद हिंद फौज के खत्म होने के बाद घर लौट आए। मगर कई ऐसे भी थे जो अंग्रेजो से लड़ने के दौरान शहीद हो गए।
उनका कहना है कि अब तक 450 गुमनाम सिपाहियों का रिकॉर्ड वे भेज चुके है।
इस सूचना को जिला उपायुक्त रेवाड़ी के माध्यम से हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेज भी चुके हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि वे इन गुमनाम सिपाहियों का नाम संबंधित जिला उपायुक्तों के माध्यम से उनके परिजनों तक पहुंचाएं और इन स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को पेंशन सुविधा भी दें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो