
नई दिल्ली। भारत दौरे पर आईं जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल व प्रधानमंत्री के बीच पांचवें अंतर सरकारी परामर्श के बाद शुक्रवार को एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इसमें दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने और हिंसक अतिवाद को रोकने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी पर जोर दिया। इसमें खुफिया जानकारी व सूचनाओं को साझा करना और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पूरी तरह से पालन करने की बात शामिल है।
इस दौरान चर्चा हुई कि आतंकवाद एक वैश्विक संकट है। भारत और जर्मनी ने शुक्रवार को इस समस्या से संयुक्त रूप से मुकाबले का संकल्प लिया। इसके साथ ही दोनों मुल्कों ने सभी देशों से आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाहों, बुनियादी ढांचों को उखाड़ फेंकने व आतंकी नेटवर्क व वित्त पोषण माध्यमों को नष्ट करने व आतंकवादियों के सीमा-पार आवागमन को रोकने का आह्वान किया।
दोनों नेताओं ने इस जरूरत को रेखांकित किया कि सभी देश यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर किसी प्रकार से आतंकवादी हमले के लिए नहीं किया जाए। उन्होंने सभी देशों के वैश्विक आतंकवाद से लड़ने के संयुक्त प्रयास के महत्व पर जोर दिया।
इस वैश्विक संकट के खिलाफ लड़ाई के लिए एक संयुक्त मोर्चा बनाने की जरूरत का जिक्र करते हुए दोनों नेताओं ने मार्च 2020 में कांप्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) को स्वीकृति देने व उसे अंतिम रूप देने का आह्वान किया।
दोनों नेताओं ने भारत व जर्मनी के आतंकवाद के मुकाबले को लेकर संयुक्त कार्यकारी समूह के ढांचे के तहत सहयोग जारी रखने पर भी सहमति जताई।
73 बिंदुओं के बयान का ज्यादातर भाग 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व डिजिटल ट्रांसफार्मेशन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत' करने को समर्पित था।
Updated on:
02 Nov 2019 07:44 am
Published on:
01 Nov 2019 09:46 pm
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