
Disengagement process of PLA on LAC is complicated
नई दिल्ली। चीन से विवाद ( India-China standoff ) के बीच भारतीय सेना ( Indian army ) ने गुरुवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control ) पर चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों ( Chinese Army ) को पीछे हटाने की प्रक्रिया ( Disengagement process ) जटिल है। सेना को इस पर लगातार निगरानी रखते हुए इसके सत्यापन की जरूरत है। वहीं, भारतीय सेना ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच 'राजनयिक और सैन्य स्तर ( commander level talks ) पर नियमित बैठकों' के जरिये सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया भारत को आगे बढ़ा रहा है।
भारतीय सेना ने इस संबंध में गुरुवार को एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि मंगलवार को शुरू हुआ 15 घंटे लंबा विचार-विमर्श का दौर बुधवार को समाप्त हुआ। इस दौरान भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों ने "पूर्वी लद्दाख में पहले चरण में सेनाओं के पीछे हटने के कार्यान्वयन पर प्रगति की समीक्षा करने के साथ ही पूरी तरह से सेनाओं को हटाए जाने के संबंध में आगे के कदमों के बारे में विचार-विमर्श किया।
कोर कमांडरों की इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधि का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख ( Ladakh border ) में पैंगोंग त्सो झील और देपसांग इलाकों से चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की सेना को पूरी तरह से पीछे हटाए जाने से जुड़ा हुआ था।
जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर की वार्ता मंगलवार को सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और देर रात करीब 2 बजे समाप्त हुई। इस बैठक के दौरान भारतीय सैन्य प्रतिनिधियों ने पैंगोंग त्सो झील और देपसांग इलाके से पूरी तरह चीनी सैनिकों से हटने के लिए कहा। इस संबंध में भारतीय सेना ने कहा कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा तनाव के हालात को दूर करने के लिए स्थापित सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से विचार-विमर्श में जुटे हुए हैं।
सेना ने बताया, "चीनी सेना और भारतीय सेना के कमांडरों ने 14 जुलाई 2020 को चौथे दौर की वार्ता की। इसके लिए भारतीय क्षेत्र की ओर चुशुल में दोनों पक्षों की एक बैठक आयोजित की गई।" पूर्वी लद्दाख के चुशुल में आयोजित इस बैठक में 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि बीते 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। हालांकि चीन ने अभी तक आधिकारिक रूप से अपने मारे गए सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है।
Updated on:
16 Jul 2020 05:21 pm
Published on:
16 Jul 2020 05:18 pm
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