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India China Tension: चीन हुआ चित, Galwan Valley में 2 किमी पीछे हटे चीनी सैनिक

India China Tension के बीच आई बड़ी खबर Chinese Soldiers ने Galwan Valley में 2 किमी पीछे खींचे कदम दोनों देशों की सेना के बीच कई बार हो चुकी कोर कमांडर स्तर की बातचीत

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Chinese Soldiers back in Galwan Valley

आखिरकार गलवान घाटी में पीछे हटा चीन

नई दिल्ली। भारत और चीन ( India China Tension ) में पूर्वी लद्दाख ( Ladakh ) में चल रहे तनाव के बीच बड़ी खबर सामने आई है। आखिरकार चीनी सैनिकों ( Chinese soldiers ) ने अपने कदम पीछे खींच ही लिए हैं। गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में चीनी सैनिक करीब दो किमी पीछे हटे हैं।

दरअसल 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चाइनीज पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ( PLA ) के सैनिक उस स्थान तक आ गए थे जो भारत के मुताबिक एलएसी ( LAC ) है। लेकिन पेइचिंग ने 15 जून को जिस जगह दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी वहां से अपने सैनिकों को अब पीछे हटा लिया है।

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पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से दोनों देश तनाव को कम करने के लिए कई दौर की कमांडर स्तर की बातचीत के बाद अब आखिरकार चीनी सैनिकों ने अपने कदम पीछे किए हैं। अब इसे बफर ज़ोन बना दिया गया है, ताकि आगे कोई हिंसक घटना न हो। हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच लगातार बातचीत चल रही थी।
दरअसल भारत और चीन के सैनिकों ने रिलोकेशन पर सहमति जाहिर की है, जिसके बाद वे मौजूदा स्थान से पीछे हट गए हैं। इसे इस प्रक्रिया का पहला पड़ाव माना जा रहा है।

दोनों देशों के बीच हुई कमांडर स्तर की बातचीत
भारत-चीन की सेनाओं के बीच 30 जून को करीब 10 घंटे तक कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना था।
भारत ने पुरानी स्थिति बहाल करने और तत्काल चीनी सैनिकों को गलवान घाटी, पेंगोंग सो और अन्य इलाकों से वापस बुलाने की मांग की थी।

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भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 15 जून की झड़प के बाद से ही अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह दौरे पर पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने चीन को कड़ा संदेश दिया था, कि अपने देश की जमीन की तरफ वो किसी को भी आंख उठाकर देखने नहीं देंगे।

वहीं जानकारों की मानें तो इसे तनाव घटाने की तरफ पहला कदम माना जाना चाहिए। आपको बता दें कि चीनी सैनिकों के पीछे हटने को लेकर फिलहाल को आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।


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