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India China Tension: अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को सेना में भर्ती करने की कोशिश में जुटा चीन

India China Tension कांग्रेस के पूर्व सांसद का दावा, चीन PLA में अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के युवाओं को भर्ती करने की कोशिश कर रहा, बीते एक वर्ष में चीन ने सीमावर्ती इलाकों में बढ़ाई गतिविधियां

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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा ( India China Tension ) पर चल रहा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एलएसी ( LAC ) पर लगातार शांति वार्ता के लिए बैठकें करने के बाद भी चीन अपनी चालों से बाज नहीं आ रहा है।

भारत के खिलाफ चीन की एक और नापाक चाल सामने आई है। दरअसल चीन ने पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh ) से लगी सीमा पर अपनी गतिविधियां असामान्य रूप से बढ़ा दी हैं। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) के भारतीय सीमा में घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। चीन अरुणाचल के युवाओं को पीएलए में भर्ती करने की कोशिश में जुट गया है।

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पूर्वोत्तर में तिब्बत से लगी सीमा पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अरुणाचल की 1126 किमी लंबी सीमा तिब्बत से सटी हुई है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है, यही नहीं राज्य को भारत के हिस्से के तौर पर उसने कभी मान्यता नहीं दी है।

बीते वर्ष गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से ही चीन ने पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा पर अपनी गतिविधियां असामान्य रूप से बढ़ा दी हैं। हाल में चीनी राष्ट्रपति ने भी इस इलाके के नजदीक में ही दौरा किया था।

बांध से लेकर हाइवे और रेलवे लाइन का निर्माण हो या फिर भारतीय सीमा के भीतर से पांच युवकों के अपहरण का मामला, PLA के भारतीय सीमा में घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन अब एक बार फिर चीन ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।

अब खबरें सामने आ रही हैं कि अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को चीन अपनी सेना में भर्ती करने की कोशिश में जुट गया है।

कांग्रेस के पूर्व सांसद का दावा
चीन की नई चाल को लेकर कांग्रेस के पूर्व सांसद और पासीघाट के मौजूदा विधायक निनोंग ईरिंग ने खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि चीन सरकार अपनी पीएलए में अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के युवाओं की भर्ती करने की कोशिश कर रही है। यही नहीं प्रदेस से सटे तिब्बत के इलाकों से भी भर्तियां की जा रही हैं।

कांग्रेस नेता ने केंद्रीय गृह और रक्षा मंत्रालय से इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए जरूरी कदम उठाने की अपील की है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'तिब्बत की सीमा से सटे इलाकों में रहने वाली निशी, आदि, मिशिमी और ईदू जनजातियों और चीन की लोबा जनजाति के बीच काफी समानताएं हैं। उनकी बोली, रहन-सहन और पहनावा करीब एक जैसा है।'

चीन जिस तरह सीमा से सटे बीसा, गोहलिंग और अनिनी इलाके में मकानों और सड़कों का निर्माण कर रहा है, उससे अरुणाचल के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के प्रभावित होने की आशंका है।

इस बीच अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने केंद्र से सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत परियोजनाओं का काम तेज करने का अनुरोध किया है ताकि बेरोजगारी और कनेक्टिविटी जैसी समस्याओं पर अंकुश लगाया जा सके।

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सीमा पर लगातार गतिविधियां बढ़ा रहा चीन
बीते एक वर्ष में चीन भारत के सीमावर्ती इलाकों में लगातार गतिविधियां बढ़ा रहा है। चीन ने सीमा से 20 किमी भीतर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किया है। तिब्बत की राजधानी ल्हासा से करीब सीमा तक नई तेज गति की ट्रेन भी शुरू हो गई है। उससे पहले उसने एक हाइवे का निर्माण कार्य भी पूरा किया था।

सरकारी अधिकारियों की मानें तो बीते एक वर्ष में चीनी सैनिकों के सीमा पार करने की कई घटनाओं की सूचना मिली है।