
देश के वीर जवानों की शहादत को सलाम
नई दिल्ली। चीनी सैनिकों के साथ पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प ( India China Violent Clash ) में देश ने अपने 20 वीर सपूतों को खोया है। इन सभी जांबांजों के पार्थिव शरीर उनके पैतृक घरों तक पहुंच गए हैं। देश के इन वीर जवानों को उनके परिजनों से समेत पूरे देश श्रृद्धांजलि ( Tribute to Martyred Soldiers ) दे रहा है। हर किसी के मन में इनको खोने का गम तो है ही लेकिन साथ ही इनकी वीरता को लेकर हर किसी का सीना फक्र से चौड़ा भी है।
शहीद सैनिकों ( Martyred Soldiers ) का उनके पैतृक घरों में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जैसे ही इन सैनिकों के शव अपने-अपने घरों की सीमा में पहुंचे हर तरफ सन्नाटा छा गया। अपने लाल को इस तरह तिरंगे ( Tri Color ) में लिपटा देख ना सिर्फ परिजन बल्कि उनके शहर और गांव के लोगों के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लेकिन इन आंसुओं में गर्व की एक झलक भी थी।
राजकीय सम्मान के साथ जब अंतिम संस्कार के लिए विभिन्न राज्यों में शहीदों के पार्थिव शरीर पहुंचाये गये तो हृदय विदारक दृश्य सामने आया। इस मंजर ने 2019 के पुलवामा ( Pulwama Terrorist Attack ) आतंकवादी हमले की याद को जहन में ताजा कर दिया।
जब सीआरपीएफ ( CRPF ) के 40 जवान शहीद हो गये थे। शहीदों के परिवार अपनों के चले जाने से दुख के सागर में डूबे थे लेकिन उन्होंने कहा कि कि उन्हें उनके बलिदान पर गर्व है।
कर्नल बी संतोष बाबू को दी श्रद्धांजलि
कर्नल बी संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से हैदराबाद लाया गया। बाद में उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से उनके गृह नगर सूर्यापेट ले जाया गया। वायु सेना स्टेशन हाकिमपेट पर विमान रात आठ बजे के आसपास उतरा। हाथ में तिरंगा झंडा लिए लोगों ने एम्बुलेंस के मार्ग में फूल बरसाए।
तेलंगाना की राज्यपाल टी सुंदरराजन और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामा राव समेत अन्य लोगों ने शहीद सैन्य अधिकारी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तेलंगाना में कई स्थानों पर लोगों और राजनीतिक दलों के सदस्यों ने शहीद कर्नल को श्रद्धांजलि दी।
सुनील कुमार अमर रहें...
हिंसक झड़प में शहीद हुए सुनील कुमार का शव गुरुवार को उनके पैतृक गांव बिहार के बिहटा पहुंचा। जहां उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। सुनील कुमार की पत्नी ने कहा सरकार चीन से मेरे पति की शहदत का बदला ले।
अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाए शहीद कुंदन
हिंसक झड़प में शहीद होने वाले कुंदन कुमार ओझा अपनी नवजात बेटी का चेहरा तक नहीं देख सके। उनके घर में 17 दिन पहले बेटी ने जन्म लिया था। ओझा ने अपनी मां से आखिरी बातचीत में वादा किया था कि जैसे ही उन्हें छुट्टी मिलेगी वह सीधे घर आएंगे, पर शायद तिरंगे में लिपटे आएंगे ये नहीं सोचा था।
नायब सूबेदार सतनाम सिंह के नाम से बनेगा गेट
गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने भारतीय सेना के नायब सूबेदार सतनाम सिंह के परिवार से मुलाकात की, जिन्होंने गालवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी। डीसी गुरदासपुर कहते हैं, "यहां उनके नाम पर एक गेट का निर्माण किया जाएगा"।
चंद्रकांत के पिता बोले- हमें गर्व है
ओडिशा में दो आदिवासी गांव अपने बेटों की शहादत से शोकाकुल हैं। चंद्रकांत प्रधान कंधमाल जिले के रायकिया मंडल में बिअर्पंगा गांव के रहने वाले थे। जबकि नायब सूबेदार नंदूराम सोरेन मयूरभंज के रायरंगपुर के रहने वाले थे। चंद्रकांत के पिता करुणाकर प्रधान ने कहा कि हमें गर्व है कि बेटे देश के लिए प्राणों का बलिदान दे दिया।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने कुछ दिन पहले फोन किया था और जहां वह तैनात था वहां मौजूद तनावपूर्ण स्थिति के बारे में बताया था।
Updated on:
18 Jun 2020 01:45 pm
Published on:
18 Jun 2020 11:56 am
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