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Gaganyaan Mission : गगनयान यात्रियों को लेकर फ्रांस और भारत के बीच चर्चा, खरीदे जाएंगे Mission Alpha जैसे उपकरण

Gaganyaan Mission को लेकर भारत और फ्रांस के बीच अग्रिम स्तर की बातचीत जारी 2022 में गगनयान मिशन के तहत भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य

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Kaushlendra Pathak

Aug 31, 2020

India France Discussion For Gaganyaan Mission

मिशन गगनयान को लेकर तैयारी तेज।

नई दिल्ली। मिशन गगनयान ( Gaganyaan Mission ) की तैयारियां तेज हो गई है। गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों ( Astronaut ) को को जरूरी उपकरण मुहैया कराने के लिए भारत (India) और फ्रांस (France) की अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि मिशन अल्फा के लिए फ्रांस के अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेसक्वेट की ओर से इसी तरह के खास उपकरण का इस्तेमाल किया जाएगा।

मिशन गगनयान को लेकर तैयारी तेज

जानकारी के मुताबिक, मिशन गगनयान ( Mission Gaganyaan ) को लेकर भारत और फ्रांस के बीच अग्रिम चरण की बातचीत जारी है। दोनों देश गगनयान यात्रियों को अत्याधुनिक उपकरण और यंत्र मुहैया कराएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार फ्रांस भारत को मिशन उल्फा जैसे उपकरण-यंत्र भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को देगा। फ्रांस के एक अधिकारी कहना है कि मिशन अल्फा के लिए उपकरण-यंत्र पर अभी काम चल रहा है। यहां आपको बता दें कि फ्रांस के अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेसक्वेट अगले साल की शुरुआत में ड्रैगन अंतरिक्ष यान से आईएसएस वापस जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के बीच वार्ता अंतिम चरण में है। ऐसा माना जा रहा है कि इसे लेकर जल्द ही कोई बड़ी घोषणा की जाएगी। यहां आपको बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच अतंरिक्ष क्षेत्र में काफी अच्छा तालमेल है। दोनों देशों के बीच तकरीबन 10,000 करोड़ रुपए के मिशन गगनयान को लेकर तकरार है। साल 2022 तक गगनयान मिशन के तहत भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, बीते वर्ष फ्लाइट सर्जन ब्रिगिटे गोडार्ड चिकित्सकों और इंजीनियरों को प्रशिक्षण देने के लिए यहां आए थे।

ISRO ने कही ये बात

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक अधिकारी का कहना है कि कोरोनावायरस जैसे ही निजात मिलेगा, भारतीय सर्जन अगले साल फ्रांस जाएंगे। हालांकि, ISRO के अधिकारी ने गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों को उपकरण की आपूर्ति को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गौरतलब है कि गगनयान मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के चार पायलट और संभावित अंतरिक्ष यात्रियों का इस समय रूस में प्रशिक्षण चल रहा है। अब देखना ये है कि इसे लेकर भारतीय स्पेस एजेंसी कब तक घोषणा करती है।


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