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फिलिस्तीन में भारत बनाएगा आईआईटी के साइंस पार्क जैसा टेक्नो पार्क

इंजीनियरिंग क्षेत्र में देश में 20 फीसदी नौकरियां बढ़ने के आसार।

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rohit panwar

Nov 02, 2016

techno park

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नई दिल्ली. भारत और फिलिस्तीन ने रमाल्लाह में एक टेक्नो पार्क (सूचना प्रौद्योगिकी हब) स्थापित करने के लिए समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए। भारत इसके लिए 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा। अहम बात यह है कि भारतीय कंपनियां वहां की कंपनियों के साथ रिसर्च वर्क कर सकेंगी। माना जा रहा है कि इससे आईटी क्षेत्र में 20 फीसदी तक नौकरियां बढ़ सकती हैं। भारतीय नौजवान इंजीनियर्स को ट्रेनिंग के लिए फिलिस्तीन भेजा जाएगा। ऐसे में उन्हें भी मौके मिलेंगे।

80 हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि देगा भारत

दरअसल, पिछले वर्ष अक्तूबर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की फिलिस्तीन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने घोषणा की थी कि भारत वहां एक टेक्नो पार्क स्थापित करने में सहायता करेगा। इसके लिए भारत ने 12 मिलियन डॉलर (80 हजार करोड़ रुपये) की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। यह राशि दो सालों के भीतर दी जाएगी। पूरी तरह से तैयार होने के बाद इस टेक्नो पार्क में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सभी प्रकार की अत्याधुनिक सहूलियतें होंगी जो विदेशी कंपनियों, स्थानीय उद्योग, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों के कार्य में सहायक सिध्द होंगी। अधिकारियों ने कहा कि यह समझौत फिलिस्तीन के विकास में भारत की सहायता का एक प्रतीक है जो युवा फिलिस्तीनियों को रोजगार और व्यापार के अवसर देगा।

आईआईटी वैज्ञानिक करेंगे मदद

इस टेक्नो पार्क को आईआईटी चेन्नई के साइंस पार्क की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसमें आईआईटी चेन्नई की वैज्ञानिकों की टीम सहयोग करेगी। आईटी क्षेत्र की कंपनियों के प्रोडक्ट्स पर न सिर्फ रिसर्च होगी बल्कि टेक्नो पार्क बनने के बाद वहां के विश्वविद्यालयों के छात्र टे्रनिंग में भी हिस्सा ले सकेंगे। यही नहीं, समझौते के तहत इस पार्क में भारतीय कंपनियों को अपनी यूनिट स्थापित करने का स्पेस मिलेगा। मेक इन इंडिया के तहत यूरोप और फिलिस्तीन की कंपनियां भारत में मैन्यूफैक्चरिंग व सर्विस यूनिट भी खोलेंगी।