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भारत का रूख: संसद भंग नेपाल का आंतरिक मामला, ओली को नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोटिस

Highlights. - कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया - चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने दिया नोटिस - प्रतिनिधि सभा भंग करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी किया  

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Ashutosh Pathak

Dec 27, 2020

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नई दिल्ली/काठमांडू.

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने प्रतिनिधि सभा भंग करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई में नोटिस जारी किया। इस बीच ओली ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए 9 नए चेहरों को जगह दी है।

संसद भंग के विरोध में 7 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। उधर, नेपाल के घटनाक्रम व नए सिरे से चुनाव पर भारत ने इसे पड़ोसी देश का ‘आंतरिक मामला’ बताया। विदेश मंत्रालय प्रव ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह नेपाल का आंतरिक मामला है। उन्हें अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत फैसला लेना है।

अगले माह ओली का भारत दौरा!

नेपाल में सियासी उथलपुथल के बीच कुछ रिपोर्ट कह रही हैं कि पीएम ओली जनवरी में भारत दौरा कर सकते हैं। हालांकि, कोई दूरगामी समझौता नहीं हो सकेगा। इससे पहले नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली भारत आएंगे।