
India successfully test fires nuclear-capable strategic missile Prithvi-2 from Odisha
भुवनेश्वर। भारत ने शुक्रवार को ओडिशा तट स्थित परीक्षण रेंज से सशस्त्र बलों के लिए एक यूजर ट्रायल के रूप में अपनी परमाणु-सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल ( prithvi 2 missile test ) का रात में परीक्षण सफलतापूर्वक किया। इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड द्वारा शुक्रवार शाम को इसका यूजर ट्रायल किया गया।
लिक्विड-प्रोपेल्ड यानी द्रव्य ईंधन द्वारा चलने वाली पृथ्वी-2 की रेंज 250 किलोमीटर है और यह 1 टन वजनी वारहेड ले जा सकती है। यह 9-मीटर लंबी मिसाइल डीआरडीओ द्वारा इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत विकसित की गई है। सतह से सतह पर मार करने वाली यह भारत की पहली स्वदेशी रणनीतिक मिसाइल है।
मिसाइलों के प्रक्षेपवक्र (इसके आगे जाने के रास्ते) को अलग-अलग स्थानों पर लंबी दूरी के मल्टी-फंक्शन रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक टेलीमेट्री स्टेशनों की बैटरी द्वारा ट्रैक किया गया था। तीन सप्ताह से भी कम वक्त में पृथ्वी-2 मिसाइल का यह दूसरा परीक्षण है। डीआरडीओ ने इससे पहले 27 सितंबर को चुपचाप परमाणु मिसाइल के रात्रि परीक्षण किया था।
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का यह उड़ान परीक्षण पिछले 40 दिनों में भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया गया 11वां मिसाइल परीक्षण है। इस सप्ताह अंतिम परीक्षण एक बहुत अच्छी तरह से समाप्त नहीं हुआ था और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को निर्भय क्रूज मिसाइल को निरस्त करना पड़ा था, जिसे ओडिशा की टेस्टिंग फैसिलिटी से आठ मिनट बाद बंगाल की खाड़ी में लॉन्च किया गया था।
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पृथ्वी-2 मिसाइल शुक्रवार को देर रात आयोजित यूजर ट्रायल्स के दौरान सभी मापदंडों पर खरी उतरी। अधिकारी ने कहा, "रात परीक्षण सफल रहा था।" यह बेहतरीन मिसाइल अपने लक्ष्य को नष्ट करने के लिए पैंतरेबाज़ी के साथ एक एडवांस्ड इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम का इस्तेमाल करती है।
इससे पहले अतीत में भी सशस्त्र बलों के सामरिक बल कमान ने प्रशिक्षण अभ्यास के एक भाग के रूप में DRDO के वैज्ञानिकों की निगरानी में रात्रि परीक्षणों को अंजाम दिया है। वे मिसाइलें पहले ही तैनात की जा चुकी हैं।
Updated on:
16 Oct 2020 10:15 pm
Published on:
16 Oct 2020 10:00 pm
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