नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि देश विश्व समुदाय के साथ मिलकर इस पर काम कर रहा है। जयशंकर ने कहा कि भारत ऐसे किसी भी परिणाम को नहीं मानेगा जो बल प्रयोग करके हासिल किया गया है। उनकी बुधवार को अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अफगानिस्तान की परिस्थितियों को लेकर लंबी चर्चा हुई। जयशंकर के अनुसार इस मुद्दे पर भारत और अमरीका के विचार लगभग एक हैं। जयशंकर ने राज्यसभा में यह जवाब दिया।
बातचीत से राजनीतिक समझौता होना चाहिए
जयशंकर प्रसाद ने कहा कि हम इस मुद्दे पर बहुत स्पष्ट हैं कि अफगानिस्तान में बातचीत से राजनीतिक समझौता होना चाहिए। इस मामले में सैन्य समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में बल का उपयोग कर आधिपत्य नहीं किया जा सकता है। जयशंकर ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सुनिश्वित करने के लिए काम करेंगे। इससे अफगानिस्तान में गंभीरता के साथ राजनीतिक वार्ता कर समझौता हो सकता है। जयशंकर के अनुसार हम बल प्रयोग कर किसी भी परिणाम को कभी भी नहीं स्वीकारेंगे।
चीन-तालिबान के बीच हुई अहम बैठक
चीन के तालिबान को सहयोग देने के भाजपा सांसद स्वप्नदास गुप्ता के सवाल पर जयशंकर ने ये बातें कहीं। गौरतलब है कि मुख्य राजनीतिक वार्ताकार मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिला। अमरीका से अफगानिस्तान के सैनिकों की वापसी के बाद से पहली बार दोनों पक्षों के बीच ऐसी उच्च स्तर की बातचीत हुई।
अफगानिस्तान में तेजी से बढ़ रही हिंसक घटनाओं को लेकर भारत लगातार चिंता जाहिर करता रहा है। इसमें तालिबान के कई जिलों और प्रमुख जिलों की सीमाओं को हथिया लेने से जुड़ी घटनाएं भी शामिल हैं।
Published on:
29 Jul 2021 07:23 pm