
‘फिनसेन फाइल्स’ को ले कर भारतीय एजेंसियां भी सजग हो गई हैं।
नई दिल्ली, पत्रिका ब्यूरो। बड़ी मात्रा के संदिग्ध लेन-देन का खुलासा करने वाली ‘फिनसेन फाइल्स’ को ले कर भारतीय एजेंसियां भी सजग हो गई हैं। काले धन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआइटी के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि वे इसमें सामने आए नए मामलों की गंभीरता से जांच करेंगे।
एसआइटी प्रमुख जस्टिस एमबी शाह ने कहा है पहले इस मामले पर संबंधित एजेंसियों को थोड़ा समय दिया जाएगा ताकि वे मामलों की जांच कर सकें। इसके बाद एक विशेष बैठक बुलाई जाएगी ताकि मामले को आगे ले जाया जा सके। उन्होंने कहा है कि ईडी और सीबीआइ सहित सभी जांच एजेंसियों और निगरानी रखने वाली संस्थाओं को इस बारे में सक्रिय कर दिया गया है।
देश की टॉप कंपनी पर भी नजर
संदिग्ध लेन-देन पर नजर रखने वाली अमेरिकी एजेंसी ‘फाइनांसियल क्राइम्स एनफोर्समेंट नेटवर्क’ (फिनसेन) ने जिन लेन-देन को संदिग्ध में रखा है उनमें गुजरात मुख्यालय वाली एक शीर्ष भारतीय कंपनी भी है। इसने सिंगापुर स्थित अपनी इकाई से 2005 से 2014 के बीच सेशल्स स्थित कंपनियों को 6.24 अरब डॉलर भेजे। ये लेन-देन मनी लांड्रिंग से संबंधित हो सकते हैं। 2015 की जनवरी में भी इसने एक महीने में ही 10 करोड़ डॉलर ऐसी कंपनियों को भेजे जो बेनामी कंपनियां हो सकती हैं।
फिनसेन फाइल्स में संदिग्ध लेन-देन की दो हजार से ज्यादा फाइलें सामने आई हैं। इनमें दो हजार अरब डॉलर से अधिक के लेन-देन हैं। इससे पहले पनामा पेपर्स में सामने आए ऐसे लेन-देन की जांच में भारतीय एजेंसियों ने ना सिर्फ कई गैर-कानूनी गतिविधियों का खुलासा किया था, बल्कि 1.5 हजार करोड़ रुपये का अघोषित टैक्स भी वसूला था।
Updated on:
23 Sept 2020 07:37 am
Published on:
23 Sept 2020 07:32 am
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