नई दिल्ली। अफगानिस्तान ( Afghanistan ) पर तालिबान ( Taliban ) के कब्जे के साथ ही हालात बिगड़ रहे हैं। यही वजह है कि भारत समेत तमाम देशों के लोग अपने वतन लौट रहे हैं। अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए एक बार फिर भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force ) देवदूत बनी है।
भारतीयों को वापस लाने के लिए वायुसेना के दो C-17 ग्लोबमास्टर विमानों को लगाया गया है। मंगलवार सुबह इनमें से एक विमान 148 भारतीय अधिकारियों को लेकर भारत आया। इस विमान ने गुजरात के जामनगर में लैंडिंग की।
जबकि एक विमान पहले ही भारत आ चुका है। अभी इन विमानों को कई चक्कर लगने हैं।
भारत माता की जय...
अफगानिस्तान से लौटे 148 भारतीय अधिकारियों को जामनगर से बस के रास्ते ले जाया जा रहा है। इस दौरान वतन वापसी पर सभी उत्साहित नजर आए। भारत माता की जय के नारे लगाते रहे।
तुरंत भारत लौटेंगे भारतीय राजदूत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करते हुए बताया कि काबुल में भारतीय राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया गया है।
मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। अब इसके साथ ही भारत ने पूरी तरह से अफगानिस्तान से अपना दूतावास खाली कर दिया है।
तालिबान के अफगानिस्तान पर कंट्रोल बढ़ने के साथ ही वहां रह रहे भारतीयों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। यही वजह है कि इन भारतीयों को वापस भारत लाने के लिए वायुसेना ने मोर्चा संभाला है। वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्ट इन भारतीयों को वतन लाने में जुटे हैं।
दरअसल सरकार ने सुरक्षा कारणों के चलते अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की संख्या नहीं बताई है। करीब सवा सौ लोगों के समूह में भारतीयों को अफगानिस्तान से लाया जा रहा है।
रविवार को भी काबुल से सी-17 ग्लोबमास्टर की एक उड़ान भारतीयों को लेकर रवाना हुई थी, जो सोमवार को भारत पहुंची।
वहीं दूसरा विमान काबुल से करीब 130 लोगों को लेकर मंगलवार सुबह उड़ा। ये दोनों विमान अभी काबुल के कई चक्कर लगाएंगे।
भारतीयों के संपर्क में सरकार
सरकार लगातार अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के संपर्क में बनी हुई है। जो भारत लौटना चाहते हैं, उन्हें लाने के लिए प्रयास किए जाए रहे हैं।
इसके अलावा अफगान सिख और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों से भी सरकार संपर्क साध रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं, हम भारत आने में उनकी मदद करेंगे।'
पहले भी बचाने के लिए चलाए ऑपरेशन
जब विदेशों में भारतीयों पर संकट गहराया, वायुसेना देवदूत बनकर उन्हें बचाने में सफल रही है। इसके लिए सेना ने अलग-अलग ऑपरेशन चलाए।
कोविड-19 महामारी का दौर रहा हो या फिर यमन संकट के दौरान चला 'ऑपरेशन राहत'। भारतीय वायुसेना ने अपनों को निकाला है।
इसके अलावा नेपाल में 'ऑपरेशन मैत्री' और बेल्जियम में आत्मघाती हमले के बाद भारतीयों को निकालना हो या लीबियाई गृहयुद्ध से अपनों को बचाकर लाना, इंडियन एयरफोर्स ( IAF ) हर बार भरोसे पर खरी उतरी है।
सोमवार को कमर्शियल उड़ाने हुईं रद्द
सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग के बाद मचे हड़कंप से कमर्शियल उड़ानों को रद्द कर दिया गया था। ऐसे में भारतीयों को लाने में थोड़ी मुश्किलें आने लगीं।
भारत सरकार ने बयान में कहा कि, 'हम प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के लिए फ्लाइट्स बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।'
बयान से ऐसे संकेत मिलते हैं कि सरकार इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि सैन्य बचाव अभियान चलाया जा सकता है।
Updated on:
17 Aug 2021 12:20 pm
Published on:
17 Aug 2021 11:09 am