
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( Artificial Intelligence ) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके इस्तेमाल से वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस ( coronavirus ) के अलग-अलग 28 DNA सेगमेंट के लिए जीनोम विशिष्टता की पहचान की। यह स्टडी कोविड-19 की बीमारी से लड़ने के लिए टीका और दवा बनाने में काफी मददगार होगी। इस स्टडी में अन्य वैज्ञानिकों के साथ एक भारतीय वैज्ञानिक गुरजीत रंधावा भी शामिल थे।
वैश्विक महामारी के दौरान मददगार है ये AI स्टडी
DNA सीरीज से ही न्यूक्लिक एसिड अनुक्रम निर्धारित होता है। कनाडा में वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों का दावा है कि इस नई खोज से Sars-CoV-2 जैसे जानलेवा वायरस मिनटों में श्रेणीबद्ध किया जा सकेगा। रिसर्चरों का कहना है कि यह खोज इस वैश्विक महामारी के दौरान मददगार साबित होगी। इससे रणनीतिक योजना बनाने में और मेडिकल जरूरतों को पूरी करने में मदद मिलेगी।
चमगादड़ से ही पैदा हुआ है कोविड-19 का वायरस
यह रिसर्च PLOS ONE नाम की पत्रिका में प्रकाशित की गई है। इस स्टडी में इस दावे का भी समर्थन मिला है कि कोविड-19 बीमारी जिस Sars-Cov-2 वायरस के कारण फैल रही है, वो चमगादड़ से ही पैदा हुआ है। रिसर्चरों का दावा है कि AI से कोरोना वायरस का 100 प्रतिशत सटीक वर्गीकरण किया गया है। इसके साथ ही इस तरीके से मिनटों में 5000 से अधिक माइक्रोब्स के जीनोम के बीच संबंधों का पता लगाया जा सका है। अब रिसर्चरों को पूरी उम्मीद है कि इस स्टडी की मदद से इस जानलेवा वायरस के खिलाफ वैक्सीन और अन्य जरूरी मेडिकल सफलता जल्द मिल सकेगी।
Updated on:
29 Apr 2020 09:32 pm
Published on:
29 Apr 2020 09:31 pm
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