घाटे की भरपाई करने के लिए रेलवे चुनिंदा पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस (Express Trains) बनाने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक 200 किलोमीटर के दायरे में चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को एस्प्रेस ट्रेनों में बदला जाएगा। इससे ट्रेन की स्पीड बढ़ेगी। जिससे गंतव्य तक पहुंचने में कम समय लगेगा। इसलिए ट्रेनों के किराए में भी बढ़ोत्तरी होगी। पैसेंजर श्रेणी की तुलना में प्रति यात्री टिकट (Ticket Fare) पर औसतन 50 से 60 रुपए की वृद्धि होगी।
भोपाल रेल मंडल से चलने वाली भोपाल-जोधपुर, भोपाल-इटारसी विंध्याचल, झांसी-इटारसी आदि पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस ट्रेन बनाया जा सकता है। इन ट्रेनों में ज्यादातर कम आय वाले स्थानीय यात्री सफर करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक पैसेंजर ट्रेन में एक दिन में 1200 से 1500 यात्री सफर करते हैं। इस तरह भोपाल रेल मंडल की चार पैसेंजर ट्रेनों में एक दिन में 6 हजार यात्री सफर करते हैं।
पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाए जाने से समय की जहां बचत होगी, वहीं ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए इनके छोटे-छोटे स्टॉपेज खत्म किए जाएंगे। जिसके चलते रोजाना सफर करने वालों को दिक्कत हो सकती है। हर छोटे स्टेशन पर एक्प्रेस ट्रेनों के न रुकने पर रेलवे को इसकी वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान देना होगा।