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Indian Railways: रेल डिब्बों में होंगे बड़े बदलाव, बैक्टीरिया मुक्त रखने के लिए चढ़ाई जाएगी कॉपर की परत

New Pattern Train Coaches : कोरोना वायरस संक्रमण यात्रियों में न फैले इसके लिए रेलवे नए डिजाइन में ट्रेन के डिब्बे तैयार करा रहा है टॉयलेट के फ्लश से लेकर वॉश बेसिन में हाथ धोने तक में मिलेगी फुट प्रेस की सुविधा

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Soma Roy

Jul 15, 2020

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New Pattern Train Coaches

नई दिल्ली। कोरोना काल (Coronavirus Pandemic) में ट्रेनों में सफर करना सुरक्षित रहे इसके लिए भारतीय रेलवे पूरी कोशिश कर रहा है। इसी सिलसिले में उसने रेल के डिब्बों (Train Coaches) में कुछ बदलाव की तैयारी की है। इसमें कोचेज को बैक्टीरिया मुक्त रखने के लिए नए तरह के डिब्बे बनाए जा रहे हैं। इन पर कॉपर यानी तांबे की परत (Copper Coating) चढ़ी हुई होगी। साथ ही डोर हैंडल और पानी के नल खोलने क लिए हाथ से छूने की जरूरत नहीं होगी। इन पर भी कॉपर चढ़ा होगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कॉपर पर कोरोना वायरस ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकता है। इसी के चलते ये बदलाव किए जा रहे हैं।

नए रेल डिब्बों का निर्माण पंजाब के कपूरथला में किया जा रहा है। जिन कोच हैंडलों व सिटकनी को छूने की जरूरत पड़ेगी भी उनके ऊपर कॉपर की परत चढ़ी होगी। इसके अलावा शौचालय में पैर से दबाकर फ्लश चलाने की सुविधा होगी। इसके अलावा अंदर आने और बाहर जाने के लिए भी डोर हैंडल के बजाय आप फुट प्रेस के जरिए दरवाजा खोल या बंद कर सकेंगे। ऐसे डिब्बों को तैयार करने में छह से सात लाख रुपये अतिरिक्त खर्च हो रहे हैं।

टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की भी कोटिंग
बैक्टीरियल फंगस की ग्रोथ को खत्म करने के लिए रेलवे कोचेज में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की भी कोटिंग की जाएगी। माना जाता है कि ये वायरस को खत्म करने में प्रभावी साबित होता है। इसकी कोटिंग 12 महीनों तक प्रभावी रहती है। वहीं वातानुकूलित डिब्बों में एयर को प्यूरीफाई करने के लिए प्लाज्मा एयर प्यूरिफिकेशन का बंदोबस्त किया गया है। इसके अलावा शौचालय के बाहर लगे वॉश बेसिन पर अब हाथों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होगी। यहां भी फुट प्रेस की सुविधा मिलेगी।