5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Railways का बड़ा फैसला! शताब्दी और राजधानी को तेजस करेगी रिप्लेस, तैयार किए जा रहे नए कोच

Tejas Train : अगले साल अप्रैल से चलाई जा सकती हैं आधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेनें 500 नए तेजस कोच का किया जा रहा निर्माण, इनमें स्लीपर भी होंगे शामिल

2 min read
Google source verification

image

Soma Roy

Feb 08, 2021

tejas1.jpg

Tejas Train

नई दिल्ली। रेलवे धीरे-धीरे प्राइवेटाइजेशन की ओर कदम बढ़ा रहा है। ऐसे में तेजस ट्रेनों का विस्तार किया जाएगा। आने वाले साल में देश की सबसे पाॅपुलर ट्रेनों शताब्दी और राजधानी को तेजस से रिप्लेस किया जाएगा। इसके लिए रेलवे मंत्रालय ने 500 तेजस कोच के निर्माण को वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में शामिल किया है। नई ट्रेनें वंदे भारत रेल की तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी। इससे यात्रियों को ज्यादा सहूलियत होगी।

इस वक्त देश में करीब 24 शताब्दी और 23 जोड़ी राजधानी यानी कुल 47 जोड़ी प्रीमियम ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इन ट्रेनों के कोच लगभग 10 से 15 साल पुराने हैं। इसलिए इनमें अभी के मुकाबले कम सुविधाएं हैं। इसी के चलते विभाग ने इन्हें बदलने का फैसला लिया है। नई तेजस ट्रेनें अप्रैल 2022 से चलना शुरू हो जाएंगी। इससे लोग कम समय में अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके अलावा उन्हें सफर में किसी तरह की असुविधा न हो इसका खास ख्याल रखा जाएगा।

स्लीपर्स भी होंगे शामिल
इस समय तेजस ट्रेन में महज चेयरकार सुविधा उपलब्ध है। मगर रिप्लेसमेंट के बाद तेजस के नए कोच में स्लीपर भी शामिल होंगे। इससे मुसाफिर लांग रूट की जर्नी आसानी से कर सकें।

नई ट्रेन में मिलेंगी ये सुविधाएं
तेजस के नए कोचेज को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसमें आटोमैटिक बंद होने वाले स्लाइडिंग दरवाजे, जीपीएस बेस पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम, मनपसंद मूवी आदि देखने के उपकरण, स्मोक डिटेक्शन सिस्टम, सेंसर युक्त टैब, प्रत्येक सीट पर मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, सीसीटीवी कैमरे, बायोटाॅयलेट, चाय काफी की मशीन, वाई फाई सर्विस समेत अन्य कई सुविधाएं उपलबध होंगी।

200 किमी प्रति घंटा है रफ्तार
तेजस 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। स्टील ब्रेक डिस्क, सिंटर्ड पैड, इलेक्ट्रो-न्यूमैटिक एसिस्ट ब्रेक सिस्टम की मदद से ये इतनी स्पीड हासिल करती है। हालांकि रेल पटरियों की क्षमता को देखते हुए अभी इसे 160 किलोमीटर प्रति घंटे पर ही चलाया जाता है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग