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केंद्र सरकार की मुहर, वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनकर इंदु मल्होत्रा रचेंगी इतिहास

केंद्र सरकार ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट की जज बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है।

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Indu

नई दिल्ली। सरकार ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट की जज बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने लगभग तीन महीने पहले उनका नाम सुप्रीम कोर्ट जज के लिए भेजा था। तीन महीने के बाद अब केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश मान ली है।

इंदू मल्होत्रा बना सकती हैं इतिहास, सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने की है सिफारिश

बता दें कि इंदु मल्होत्रा देश की पहली महिला वकील होंगी जो सुप्रीम कोर्ट के लिए सीधे जज बनाई जाएंगी। केंद्र सरकार इस बारे में आधिकारिक नोटिफिकेशन जल्द ही जारी करेगी। बताया जा रहा है कि इंदु मल्होत्रा शुक्रवार को शपथ ले सकती हैं। साथ ही केंद्र सरकार ने जांच-पड़ताल के लिए इंदु की फाइल इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) भेज दी है।सुप्रीम कोर्ट के लगभग 68 साल के इतिहास में इंदू मल्होत्रा एससी की सांतवी महिला जज होंगी। इंदु से पहले जस्टिस फातिमा बीवी, सुजाता मनोहर, रुमा पाल, ज्ञान सुधा मिश्रा, रंजना देसाई और आर भानुमति सुप्रीम कोर्ट की जज बनी हैं।

वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 24 जज हैं

इस समय सुप्रीम कोर्ट में 24 जज हैं जिनमें सिर्फ एक ही महिला जज जस्टिस आर भानुमति हैं। इंदु के पदभार संभालने के बाद से वो दूसरी महिला जज होंगी। सूत्रों के अनुसार उनका नाम 11 जनवरी को ही भेज दिया गया था लेकिन सरकार की तरफ से इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया, जिससे जज काफी नाराज चल रहे थे। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट के जज कुरियन जोसफ ने चीफ जस्टिस को लिखित रूप में अपनी नाराजगी जताई थी।

वहीं बताया जा रहा है कि उसी दौरान इंदु मल्होत्रा के नाम के साथ ही एक और नाम के. एम. जोसफ का नाम भी भेजा गया था। लेकिन अभी तक सरकार ने उनके नाम पर कोई मुहर नहीं लगाई है। के. एम. जोसफ की अगर बात करें तो, ये उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं और 2016 में उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार को बहाल करने के आदेश के बाद से सुर्खियो में हैं।