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दिल्ली: 1700 अवैध कॉलोनियों में निर्माण पर SC ने लगाई रोक, 2 हफ्ते में हटाए जाएंगे अवैध कब्जे

सुप्रीम कोर्ट ने STF को ये आदेश दिया है कि दिल्ली में 2 हफ्ते के अंदर सभी अवैध कब्जे हटाए जाएं। साथ ही 1700 अवैध कॉलोनियों में निर्माण पर भी लगाई रोक

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Kapil Tiwari

Apr 25, 2018

Supreme court on Unauthorised Construction

Supreme court on Unauthorised Construction

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने राजधानी दिल्ली में अवैध निर्माण पर सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सभी अवैध कॉलोनियों में होने वाले निर्माण पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीधे-सीधे अपने इस फैसले के बाद इन कॉलोनियों को नियमित करने की मंशा पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर सड़कों, फुटपाथ व सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में कोई इलाका ऐसा ना हो, जहां ये लगे कि यहां कानून का राज नहीं है। दिल्ली में सीलिंग की मार झेल रहे व्यापारी वर्ग के बाद आम लोगों के लिए ये एक बड़ा झटका है।

दिल्ली की 1700 से ज्यादा कॉलोनियों में नहीं होगा अवैध निर्माण
जस्टिस एमबी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि भवन बाईलॉज के अनुरूप नहीं पाई गई 1797 अनाधिकृत कालोनियों में आगे कोई भी निर्माण नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने न्याय मित्र (एमीकस क्यूरी) रंजीत कुमार की रिपोर्ट पर यह फैसला लिया। बेंच ने डीडीए की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने दिल्ली के संशोधित मास्टर प्लान (2021) पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि एक तरफ वैध कॉलोनियां हैं जो नियमों का पालन करती हैं, दूसरी तरफ अवैध कॉलोनियां इनका सरेआम उल्लंघन करती हैं।

इन कॉलोनियों में कानून को दिखाया जाता है ठेंगा
आपको बता दें कि दिल्ली में 1700 से ज्यादा ऐसी कॉलोनियां है, जहां अवैध निर्माण के जरिए कानून को ठेंगा दिखाया जाता है। इन कॉलोनियों में कानून की परवाह नहीं की जाती। जाहिर है कि इन कॉलोनियों की वजह से शहर की आभा खराब हो रही है। अथॉरिटी चाहे तो यह हलफनामा दे सकती है कि उसे दिल्ली में कानून का राज नहीं चाहिए। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि इन्हें नियमित करने से पहले सभी मानकों को लागू करना सुनिश्चित किया जाएगा।

2 हफ्ते में अवैध कब्जे हटाएगी STF
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध कॉलोनियों में निर्माण पर रोक के साथ ही सड़क और फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के आदेश को दिल्ली के आरडब्ल्यूए ने सराहा है। उनके मुताबिक इससे दिल्ली रहने लायक बन सकेगी। हालांकि, वे इसके क्रियान्वयन को लेकर सशंकित हैं। वैसे, सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल टॉस्क फोर्स को सीधे यह आदेश दिया है कि वह दो हफ्ते में अवैध कब्जे हटाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए से मांगा है ब्यौरा
एमीकस क्यूरी ने कहा कि 1,797 कॉलोनियों में से 1,218 को नियमित करने के लिए प्रॉविजनल सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। इस पर बेंच ने कहा कि अथॉरिटी बताए कि सरकारी जमीनों से अवैध निर्माण हटाने को क्या कार्रवाई हुई है? 2007 के आदेश पर अमल क्यों नहीं हुआ? डीडीए का कहना था कि उसने 27.02 एकड़ जमीन कब्जामुक्त कराई है। कोर्ट ने ऐसी जमीनों का ब्योरा मांगा। दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी ने बताया कि दिल्ली के सभी जिलों में नोडल अफसर नियुक्त किए जाएंगे, जो कोर्ट की निगरानी समिति को पुलिस सुरक्षा देंगे।