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INS Vikrant: भारत का पहला स्वदेशी जहांज ट्रायल के लिए रवाना, नेवी ने साझा किया वीडियो

INS Vikrant: 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग में अहम भूमिका निभा चुका एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत एक बार फिर समुद्र की लहरों से टकराने के लिए तैयार है, फिलहाल ट्रायल के लिए रवाना हो चुका है।

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INS Vikrant: India's first indigenous ship lands at sea for trial

समुद्री ट्रायल पर रवाना हुआ एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत

नई दिल्ली। भारत का देशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत ने 4 अगस्त को एक नई इबारत लिखी है। आईएनएस विक्रांत देश का सबसे बड़ा जहांज माना जाता है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। 4 अगस्त को विक्रांत अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हो चुका है।

इंडियन नेवी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा, "1971 के युद्ध की जीत में अपने शानदार पूर्ववर्ती की महत्वपूर्ण भूमिका के 50वें वर्ष में, भारत के लिए गर्व और ऐतिहासिक दिन के रूप में पुनर्जन्म हुआ, विक्रांत आज अपने पहले समुद्री परीक्षणों के लिए रवाना हुआ।
भारत में डिजाइन और निर्मित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा और सबसे जटिल युद्धपोत। कई और इसका अनुसरण करेंगे।"

शेयर किया गया वीडियो
इसी ट्विटर हैंडल पर विक्रांत का एक वीडियो भी शेयर किया गया, जिसमें एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत लहरों से टकराता हुआ आगे बढ़ रहा है।

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ट्वीट में लिखा, "IAC को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और उत्तरजीविता के लिए बहुत उच्च स्तर के स्वचालन के साथ डिजाइन किया गया है। पहली नौकायन के दौरान, जहाज के प्रदर्शन, पतवार, मुख्य प्रणोदन, पीजीडी और सहायक उपकरण सहित बारीकी से देखा जाएगा।"

रक्षा मंत्री ने किया ट्वीट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, "स्वदेशी विमान वाहक की पहली समुद्री उड़ान, 'विक्रांत' रक्षा में आत्मनिर्भर भारत के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का एक सच्चा प्रमाण है। कोविड की परवाह किए बिना इस ऐतिहासिक मील के पत्थर का अहसास सभी हितधारकों के सच्चे समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत के लिए गर्व का क्षण।"

गौरतलब है कि आईएनएस विक्रांत पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट है, जो साल 2022 तक सेना को कमीशंड कर दिया जाएगा। आईएनएस विक्रांत पर फरवरी 2009 में ही काम शुरू कर दिया गया था लेकिन कुछ वजहों के कारण कई बार इसको रोका गया। इस एयरक्राफ्ट में 75 फीसदी स्वदेशी उपकरण लगे हैं, जो भारतीय कंपनियों की मदद से बनाए गए हैं। आईएनएस विक्रांत, फिलहाल एडवांस स्टेज में है और दिसंबर 2021 में आधिकारिक तौर पर समुद्र में उतार दिया जाएगा।

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