अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के मौके पर 10,000 महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के मौके पर 10,000 महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इन महिलाओं ने पत्र के माध्मय से पीएम मोदी को अपनी समस्याएं बताई हैं। पत्र लिखने वालों में सबसे अधिक सख्या पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और पंजाब की महिलाओं की रही है। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2009 में शुरू हुए एकल महिला अधिकारों के राष्ट्रीय मंच ने पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया है।
पीएम को अपनी मांग से रू—ब—रू कराया
पीएम को लिखे पत्र में असमर्थ प्रभाती देवी ने लिखा है कि वह अब काम करने में असमर्थ हैं। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज से प्रति व्यक्ति 15 किलो अनाज करने तथा 2,000 रुपये की न्यूनतम सामाजिक पेंशन दी जाए। वहीं दूसरी ओर तेलंगाना की नेता वसंत ने भी पीएम के नाम अपने पत्र में उनको अपनी मांग से रू—ब—रू कराया। वसंत ने लिखा कि युवाओं को कुशल करने की योजनाओं ने देश में करोड़ों एकल महिलाओं की जरूरतों को नजरंदाज कर दिया है, जिनमें से कई तो लंबे समय तक वृद्धावस्था में काम करती रहती हैं।
महिलाएं ला सकती हैं समाज में परिर्वतन
फोरम की राष्ट्रीय संयोजक निर्मल चंदेल ने कहा कि एकल महिलाओं ने पहले भी साबित किया है कि वे न केबल अपना जीवन बेहतर कर सकती हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन कर सकती हैं, इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। अभियान की आयोजक पारुल चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखने से सरकार इस मुद्दे की संवेदनशीलता को समझेगी। पत्र में महिलाओं ने मोदी सरकार पर पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए अपनी मांगों को पूरा होने की उम्मीद जताई है।