पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि कोरोना महामारी के कारण आज दुनिया योग की जरूरत को पहले से भी अधिक गंभीरता से महसूस कर रही है। अगर हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो तो हमें इस बीमारी को हराने में बहुत मदद मिलती है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग की अनेक विधियां हैं, अनेक प्रकार के आसन हैं। वो आसन ऐसे हैं जो हमारे शरीर की ताकत को बढ़ाते हैं, हमारे मेटाबॉलिज्म को शक्तिशाली करते हैं।
2100 चीनी फाइटर के मुकाबले भारत के पास 850 लड़ाकू विमान, फिर भी Air War में IAF है मजबूत लेकिन कोरोना वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र, यानि कि रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करता है। हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वो है प्राणायाम, यानी कि सांस लेने का अभ्यास। सामान्य तौर पर अनुलोम विलोम प्राणायाम ही ज्यादा मशहूर है। ये काफी प्रभावी भी है। लेकिन प्राणायाम के अनेक प्रकार है। इसमें शीतली, कपालभाति, भ्रामरी, भस्त्रिका ये सब भी होते हैं।
योग की ये सभी विधाएं, ये तकनीक, हमारे श्वसन तंत्र और प्रतिरोधक क्षमता दोनों को मजबूत करने में बहुत मदद करती हैं। इसलिए आपसे मेरा विशेष आग्रह है कि आप प्राणायाम को अपने दैनिक अभ्यास में जरूर शामिल करिए और अनुलोम-विलोम के साथ ही अनेक प्राणायाम तकनीक को भी सीखिए, उसको सिद्ध कीजिए। योग की इन पद्धतियों का लाभ बड़ी संख्या में आज पूरी दुनिया में कोरोना के मरीज ले भी रहे हैं। योग की ताकत से उन्हें इस बीमारी को हराने में मदद मिल रही है।
21 जून 2015 को दुनियाभर में पहली बार आयोजित योग दिवस हर वर्ष दुनिया भर के तमाम देशों में मनाया जा रहा है। हालांकि यह पहला मौका है जब इसे डिजिटल ढंग से आयोजित ( International Yoga Day ) किया जा रहा है। इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग’ है।
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