
आईआरएस अधिकारी को 27 को हाजिर होने का निर्देश
कोलकाता. काले धन को सफेद करने तथा धोखाधड़ी के आरोप में दक्षिण कोलकाता के लेक थाना इलाके से चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) गोविंद अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। पुलिस ने इस सिलसिले में एक वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी को समन जारी किया जिसमें आईआरएस अधिकारी नीरज सिंह मुख्य आरोपी हैं और सीए अग्रवाल सह-अभियुक्त हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईआरएस अधिकारी जिन्हें समन जारी किया गया था को 27 नवंबर को पुलिस मुख्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। सीआरपीसी की धारा 160 के तहत एक नोटिस उनके कार्यालय में भेजा गया। इस महीने की शुरुआत में कोलकाता पुलिस ने इस सिलसिले में अब निलंबित किए गए सिंह को तलब किया था, लेकिन उन्होंने हाजिर होने में असमर्थता जताई। एक जांचकर्ता ने कहा कि एक संदिग्ध कार्यालय से जब्त किए गए कुछ दस्तावेज आयकर विभाग की मूल फाइलों से मिलते-जुलते हैं और वरिष्ठ कर विभाग के अधिकारियों के कथित हस्ताक्षर वाले हैं। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा सकी है कि कथित आईटी कागजात कार्यालय में कैसे पहुंचे। सूत्रों ने कहा कि एक संदिग्ध आयकर विभाग में एक जाना-माना चेहरा था, जो सौदे करता था, खासकर उन लोगों के साथ जिनके घरों पर आयकर अधिकारियों ने छापा मारा था या जिन्हें विभाग ने तलब किया था।
इस बीच महानगर के बैंकशाल कोर्ट ने स्वास्थ्य जटिलताओं को देखते हुए अग्रवाल को सशर्त अंतरिम जमानत दी गई। वे अगली सुनवाई तक अपने दक्षिण कोलकाता स्थित घर को नहीं छोड़ सकते। उनके वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल कैंसर के साथ किडनी और लीवर की बीमारियों से पीडि़त है। उन्हें दैनिक चिकित्सा देखभाल की जरूरत है। अदालत ने अंतरिम जमानत देते हुए अग्रवाल को पुलिस के साथ सहयोग करने और खुद को हर बार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, जबकि मामले के जांच अधिकारी अपने घर पर उसकी जांच करना चाहते थे।
Published on:
26 Nov 2020 05:12 pm
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