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इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आत्मघाती हमलावर थी: हेडली

तीसरे दिन की गवाही के दौरान हेडली ने खुलासा किया कि गुजरात में एनकाउंटर में मारी गई इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आत्मघाती हमलावर थी

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Sunil Sharma

Feb 11, 2016

ishrat jahan

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नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी डेविड हेडली ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही देते हुए बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि उसने किसी तरह के शक से बचने के लिए मुंबई में अपना एक ऑफिस खोला था और हमले से पहले लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी तहव्वुर राणा भारत आया था।

हेडली ने अदालत से कहा कि तहव्वुर राणा को उसने पाकिस्तान वापस जाने को कहा था ताकि वह सुरक्षित रहे। हेडली ने यह भी कहा कि तहव्वुर राणा ने मंबई में उसे कई बार पैसे भेजे थे। उस दौरान हुए ट्रांजेक्शन की रसीद भी मिली हैं जिनमें हेडली के हस्ताक्षर हैं। उसने कहा कि उसने मुंबई में रेकी की और इसके बाद खुद को सुरक्षित रखने के लिए दक्षिण मुंबई के तारदेओ इलाके में एक ऑफिस खोला। उसने कहा, 'मैंने एसी मार्केट में किराए पर ऑफिस लिया था ताकि किसी को मेरे बारे में किसी प्रकार का शक नहीं हो।'

हेडली ने कहा, इशरत जहां लश्कर की आत्मघाती हमलावर थी
गवाही के दौरान हेडली ने खुलासा करते हुए बताया कि गुजरात में कथित एनकाउंटर में मारी गई इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आत्मघाती हमलावर थी। बकौल हेडली उसे भारत में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए भेजा गया था। इशरत को गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसे अंजाम देने में वह असफल रही।

तहव्वुर राणा ने भेजा था पैसा

हेडली ने बताया कि 11 अक्टूबर 2006 से चार दिसंबर 2006 के बीच उसे तहव्वुर राणा ने दो किश्तों में लगभग दो लाख रुपये भेजे गए थे। उसने कहा कि वर्ष 2006 में वह मुंबई में अपने कार्यालय के लिए 13 हजार 500 रुपए किराये के रूप में देता था और राणा ने कार्यालय खोलने में उसकी मदद की थी। हेडली बयान देने के दौरान कॉफी की चुस्की ले रहा था।

मामले की सुनवाई के दौरान इस हमले से जुड़े आतंकवादी अबू जुंदाल के वकील वहाब खान ने हेडली को विशेष महत्व दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई। खान ने कहा कि किसी भी सवाल का जवाब देने से पहले हेडली अमरीकी अदालत की सुनवाई का हवाला दे रहा है जो कि सही नहीं है। उन्होंने सुनवाई के दौरान हेडली के स्टार बक्स कॉफी पीने का भी विरोध किया। उल्लेखनीय है कि हेडली ने पिछले दो दिन में दिए अपने बयान में कई बड़े खुलासे किए हैं।

ताज होटल में ही ठहरा था हेडली
उसने पेशी के दूसरे दिन यानी मंगलवार को कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी साजिद मीर ने उसे खासकर सिद्धिविनायक मंदिर के वीडियो लेने के लिए कहा था। उसने यह भी कहा कि ताज होटल के दूसरे तले पर होने वाले रक्षा वैज्ञानिकों के सम्मेलन पर हमला करने की योजना थी। वह ताज होटल की रेकी के लिए अप्रैल 2007 में अपनी पत्नी फैजा के साथ मुंबई आया था और ताज होटल में ही ठहरा था। उसे ताज होटल के कोने-कोने की वीडियो ग्राफी करने के लिए कहा गया था। ताज होटल के अलावा उसने शहर के दूसरे इलाकों, रेलवे स्टेशन, वल्र्ड ट्रेड सेंटर के भी वीडियो बनाए।

मुंबई के रास्तों की करता था गहरी पड़ताल
हेडली ने अपने पिछले बयान में कहा था कि उसने मुंबई में किन रास्तों से शहर में घुसा जा सकता है इसके बारे में गहरी पड़ताल की। वह जुलाई 2007 में ओबेरॉय होटल की रेकी के लिए आया था और कोलाबा पुलिस स्टेशन के आसपास के इलाकों में भी गया और गहरी जानकारी ली। जकीउर्रहमान लखवी पाकिस्तान में लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर था और उसी के इशारे पर भारत में आतंकी हमले किए गये थे।


RBI ने रद्द किया था हेडली का आवेदन-
हेडली ने यह भी खुलासा किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने जून 2007 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के मुम्बई में एक बिजनेस अकाउंट खोलने के आवेदन को रद्द कर दिया था। हेडली ने यह खुलासा बीते तीन दिनों से जारी वीडियो कांफ्रेंसिंग गवाही के दौरान गुरुवार को मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष किया। उसने बताया कि उसे एलईटी और पाकिस्तान के आईएसआई दोनों से भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए पैसे मिले थे। इस पैसे का इस्तेमाल उसने भारत में अपने लिए काम-धंधा शुरू करने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में किया।

12 अक्टूबर को किया था खाता खोलने का आवेदन
हेडली ने कहा कि इस पैसे से उसने दक्षिण मुंबई के ताड़देव इलाके में एक ऑफिस खोला और 12 अक्टूबर, 2006 में एक बिजनेस खाता खुलवाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में आवेदन भी किया। शिकागो में रहने वाले उसके वीजा सलाहकार रेमंड सैंड्र्स ने आरबीआई में खाता खोलने से संबंधी औपचारिकताओं में उसकी मदद की, लेकिन आरबीआई ने एक जून, 2007 को उसका आवेदन निरस्त कर दिया।

मुंबई के ताड़देव में खोला था दफ्तर
हेडली ने भारत में कारोबार शुरू करने की उम्मीद से जनवरी, 2007 में मुंबई के ताड़देव ए/सी मार्केट में किराए पर एक ऑफिस लिया और मकान मालिक के नाम के तौर पर वोरा व मारू भरूचा का नाम लिखा, जो कि ऑफिस में उसके सेकेट्री थे। ऑफिस का प्रतिमाह का किराया 13,500 रुपये था। हेडली ने यह काम सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उसके आका काफी पहले से चाहते थे कि वह भारत में एक व्यवसाय की शुरुआत करे।

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