scriptISRO ने चंद्रयान-2 की दिखाई पहली झलक, जुलाई में होगा लॉन्‍च | ISRO show Chandrayaan-2 first glimpse will be launched in July | Patrika News

ISRO ने चंद्रयान-2 की दिखाई पहली झलक, जुलाई में होगा लॉन्‍च

locationनई दिल्लीPublished: Jun 12, 2019 07:13:40 pm

Submitted by:

Dhirendra

इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन के मॉड्यूल्स की पहली बार दिखाई झलक
चंद्रयान-2 की पहली तस्वीरें सामने आने से बढ़ा रोमांच
पहली बार सामने आई ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर की तस्‍वीर

isro
नई दिल्‍ली। भारतीय वैज्ञानिक 10 साल के अंदर दूसरी बार चांद पर रोवर को उतारने की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे है। बुधवार को पहली बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान (इसरो) ने देश के चर्चित और बहुप्रतीक्षित स्पेस मिशन चंद्रयान-2 लूनरक्राफ्ट की तस्‍वीर सबके सामने रखी है। इसरो ने लॉन्चिंग से करीब एक महीने पहले चंद्रयान-2 की झलक दिखाकर देशवासियों को रोमांचित कर दिया है। बता दें कि अगले महीने 9 से 16 जुलाई के बीच इसरो की चंद्रयान-2 को लॉन्‍च करने की योजना है। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्‍च किया जाएगा।
ISRO1
स्‍वदेशी तकनीक पर अधारित है लॉन्च व्‍हीकल

चंद्रयान-2 में तीन मॉड्यूल्स शामिल हैं। इन मॉड्यूल्‍स का नाम ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर है। चंद्रयान-2 से जुड़ी ये लॉन्च व्‍हीकल जीएसएलवी एमके lll स्पेस में लेकर जाएगा। चंद्रयान-2 मिशन का लॉन्च वीइकल भारत में ही बनाया गया है। यह स्‍वदेशी तकनीक पर आधारित है। चंद्रयान-2 के लैंडर को ‘विक्रम’ और रोवर को ‘प्रज्ञान’ नाम दिया गया है। रोवर ‘प्रज्ञान’ को लैंडर ‘विक्रम’ के अंदर रखा जाएगा। चांद की सतह पर विक्रम के लैंड होने पर इसे डिप्लॉय किया जाएगा।
ISRO
चंद्रयान-2 लूनर मिशन को आगे बढ़ाएगा

इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान-2 ऑर्बिटर मिशन के दौरान चांद का चक्कर लगाएगा और फिर चांद के दक्षिण ध्रुव के पास लैंड करेगा। चांद की सतह पर पहुंचने के बाद यह यान 6 पहियों वाले प्रज्ञान को सतह पर छोड़ देगा। इन सभी गतिविधियों को धरती पर बैठे इसरो के वैज्ञानिक नियंत्रित करेंगे। चंद्रयान-2 मिशन भारत के लूनर मिशन को आगे ले जाने के साथ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी करेगा।
इसरो के वैज्ञानिक के सिवन ने कहा यह अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा का एक एक्सपेरिमेंट लेजर रिफ्लेक्‍टर अरेज को भी साथ लेकर जाएगा। इसका इस्‍तेमाल अमरीकी वैज्ञानिक धरती और चांद के बीच की दूरी को मापने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे। इस यंत्र को लैंडर से अटैच किया जाएगा। यह चंद्रमा की सतह पर लैंडर के स्थान का सटीक उल्लेख करने में सक्षम होगा।
isro4
10 साल में दूसरा मिशन

बता दें कि भारत 10 साल में दूसरी बार चांद पर अपना मिशन भेज रहा है। मिशन चंद्रयान-2 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले चंद्रयान-1 को 2009 में भेजा था। चंद्रयान-1 में रोवर शामिल नहीं था। चंद्रयान-1 में केवल एक ऑर्बिटर और इंपैक्टर था जो चांद के साउथ पोल पर पहुंचा था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो