बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ रही आतंकी वारदातों से निपटने के तरीके को लेकर डीजीपी एसपी वैद से बेहद नाराज था। यही कारण था कि केंद्र सरकार ने उन्हें हटाने के संकेत भी दिए थे और नवनियुक्त राज्यपाल सतपाल मलिक से कश्मीर में बेकाबू होते हालात के मसले पर विचार करने को कहा था। उनके तबादले के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि पुलिसवालों के परिजनों के अपहरण और हत्या में शामिल आतंकियों की अब खैर नहीं है।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पर पहले एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने वैद को हटाने की संभावना से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन अब उनके हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले से इस बात की भी पुष्टि हो जाती है कि सरकार पहले से ही उन्हें हटाने की तैयारी में थी। जम्मू-कश्मीर कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी एसपी वैद पर राज्य में लगातार बढ़ती किडनैपिंग की घटनाओं के बाद सवाल उठने लगे थे। हाल ही में पुलिसकर्मियों के 11 संबंधियों की आतंकियों द्वारा किए गए अपहरण के बाद वैद को पद से हटाने की बातें तेज हो चली थीं। इन मामलों में एसपी वैद के रवैये से गृह मंत्रालय सख्त नाराज था। दिलबाग सिंह को अतिरिक्त डीजीपी का कार्यभार देने से पहले जम्मू और कश्मीर पुलिस महानिदेशक पद के लिए तीन नामों की चर्चा जोरों पर थीं। इनमें पहला नाम जम्मू-कश्मीर मुख्यालय के स्पेशल डीजी बीके सिंह, दूसरा नाम दिल्ली स्थित नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में तैनात एसएम सहाय और तीसरा नाम जम्मू-कश्मीर के महानिदेशक जेल दिलबाग सिंह की थी।