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आतंकियों के लिए काल हैं जम्मू कश्मीर डीजीपी एसपी वैद , तीन अंगुलियों से करते हैं सैल्यूट

डीजीपी एसपी वैद को उनकी अद्मय साहस के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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Chandra Prakash Chourasia

Jun 30, 2018

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आतंकियों के लिए काल हैं जम्मू कश्मीर डीजीपी एसपी वैद , तीन अंगुलियों से करते हैं सैल्यूट

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से आने वाली हर मुठभेड़ और आतंकी वारदात के बाद एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में होता है। वो हैं जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद। राज्य में राज्यपाल शासन लागू के बाद डीजीपी एसपी वैद ने ने कहा था कि अब घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट चलाना आसान हो जाएगा। सुरक्षाबल के जवान फ्री हैंड पाकर ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार सकते हैं।

कई बार मौत को चकमा दे चुके हैं एसपी वैद

1986 बैच के आईपीएस एसपी वैद ने दिसंबर,2016 में जम्मू कश्मीर पुलिस डीजीपी पद पर तैनात हुए। कठुआ के रहने वाले वैद शुरूआती दिनों से ही आतंकियों की आंख में खटकते हैं। कश्मीर के आतंकी उनके नाम से भी खौफ खाते हैं। तभी तो उनपर अबतक कई बड़े हमले हो चुके हैं लेकिन हर बार वो मौत को मात देकर निकल जाते हैं। एकबार तो 25 आतंकियों ने एकसाथ उनपर हमला कर दिया था, लेकिन यहां भी उनके अपने पराक्रम का परिचय देते हुए आतंकियों का सामना किया लेकिन गंभीर रूप से जख्मी हो गए।

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25 आतंकियों ने एकसाथ किया था हमला

मार्च 1999 में एसपी वैद बारामूला रेंज के डीआईजी। एक मीटिंग के सिलसिले में वो श्रीनगर गए हुए थे। बारामूला लौटते वक्त उनके काफिले (जिसमें दो एस्कॉर्ट जिप्सी और बुलेटप्रूफ एंबेसडर कार थी) उनकी पर 25 आतंकवादियों के समूह ने हमला बोल दिया। वैद अपनी कार में बैठे हुए थे। आतंकियों ने पूरे काफिले को घेरकर मशीनगन और हैंडग्रेनेड चलाने शुरू कर दिए। गोलियों से कार छलनी होने लगी और एक गोली वैद के बांए हाथ में जा लगी। जख्म इतना गहरा था कि कश्मीर में डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। जिसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया। यहां सर्जरी के के वक्त डॉक्टरों ने वैद की जान बचाने के लिए अंगुली काटने का फैसला किया।

इसलिए करते हैं तीन अंगुली से सैल्यूट

दिल्ली में वैद का अंगूठा पूरी तरह काट दिया गया, जबकि छोटी अंगुली का कुछ हिस्सा काटना पड़ा। इस ऑपरेशन के बाद से वैद तीन उंगुलियों से सैल्यूट करते हैं। एसपी वैद पर इसके अलावा भी कई बार आतंकियों ने हमला किया है। एकबार तो वो अपनी 2 महीने की बेटी और पत्नी के साथ थे, तब आतंकियों ने उनकी गाड़ी पर हमला बोल दिया, लेकिन यहां भी उनकी टीम ने उन्हें रेस्क्यू करके निकाल लिया। वैद को उनकी अद्मय साहस के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।


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