
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन मोड में आई है। यही वजह है कि कश्मीर में 22 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाने के बाद अब जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट सुप्रीमो यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। यासीन मलिक कश्मीर में अलगाववाद को हवा देने वाले नेताओं में माने जाते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घाटी में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स को अर्लट पर रखा गया है। गृह मंत्रालय ने यहां पैरामिलिट्री फोर्स की 100 कंपनियों को तैनात किया है। आपको बता दें कि अलगाववादी नेता यासीन मलिक की गिरफ्तारी इस लिहाज से भी अधिक महत्वपूर्ण जा रही हैकि दो बाद ही राज्य को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 35 ए पर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई करने वाला है।
थाने में यासीन से कई घंटों तक पूछताछ
जानकारी के अनुसार यासीन मलिक को उनके श्रीनगर माईसुमा स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद सुरक्षाबलों ने कोठीबाग स्थित थाने में यासीन से कई घंटों तक पूछताछ की। आपको बता दें कि आतंकी हमले के बाद देश में पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं को लेकर भारी आक्रोश का माहौल है। पुलावामा में हुए इस इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे, जबकि इतने ही जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके सरगना मसूद अजहर ने ली है। यही नही, इसके बाद भी कश्मीर में हुए दो अलग-अ लग आतंकी हमलों में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे।
नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान
वहीं, पुलवामा घटना के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की ओर से सीमा पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लघंन किया जा रहा है। हालांकि वहां के पीएम इमरान खाना पुलवामा हमलेके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की बात को गलत बता रहे हैं। पुलवामा हमले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर भारत के पास पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी तरह के सबूत हैं तो वो जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार हैं।
Updated on:
23 Feb 2019 04:22 pm
Published on:
23 Feb 2019 08:12 am
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