नई दिल्ली। जापानी दूतावास और बांस कारीगरों की एक टीम बांस शिल्प क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा के लिए अग्रतला की दो दिवसीय यात्रा पर है। इस दौरान भारत-जापान सहयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा। साथ ही यह टीम बांस की दुनिया भर व्यावसायिक उपयोगिता और उसकी वर्तमान ग्रीन वर्ल्ड के दौर में अहमियत पर चर्चा करेगी। बांस के जरिए कैसेट त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर भारत की अर्थव्यवस्था को गति दी जा सकती है। इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए नई रणनीति तैयार करने का काम ये टीम करेगी।
आपको बतां दें कि पूर्वोत्तर भारत में बांस मुख्य कृषि उत्पादों में से एक है। मोदी सरकार ने बांस के कारोबार को उद्योग का दर्जा दिया है। इसका व्यावसायिक उपयोग बढ़ाने के लिए बांस शोध अनुसंधान केंद्र असम में खोले गए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने 815 करोड़ रुपए का अनुदान भी जारी किया है। त्रिपुरा में बांस की खेती को युवाओं के बीच ‘ग्रीन गोल्ड’ के नाम लोकप्रिय है। अब बांस की पैदावार को बढ़ावा दिया जा रहा है।