झारखंड सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस
कोरोना काल (Covid 19 Pandemic) को देखते हुए झारखंड सरकार ने छठ पूजा पर नई गाइडलाइंस जारी की हैं। सरकार ने कहा कि इस बार तालाबों और नदियों के किनारे छठ महापर्व का आयोजन नहीं किया जा सकेगा, छठ व्रतियों से घर में ही अर्घ्य देने की अपील की गई है।
घर में अर्घ्य दें
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से रविवार देर रात जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, इस बार छठ महापर्व नदियों और तालाबों के किनारे संभव नहीं होगा। क्योंकि केंद्र सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग पर खास जोर दिया है। इसलिए लोग अपने घरों में छठ महापर्व का आयोजन करें। आपदा प्रबंधन द्वारा जारी नई गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि नदी, झील, डैम या तालाब के छठ घाट पर किसी तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने पर मनाही होगी। इतना नहीं छठ घाट के नजदीक किसी दुकान या स्टॉल के लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पटाखा, लाइटिंग और मनोरंजन संबंधी कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
—आपदा प्रबंधन के विभाग का मानना है कि महापर्व के दौरान एक ही जगह पर भारी भीड़ जमा होने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन संभव नहीं हो पाएगा।
—एक ही तालाब में सैंकड़ों लोगों के नहाने से कोरोना का संक्रमण फैल सकता है।
—मास्क लगाकार पानी में नहाना संभव नहीं है।
गौरतलब है कि छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू हो रहा है। 18 नवंबर को नहाय-खास और 19 नवंबर को खरना है। 20 नवंबर को पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को दूसरा अर्घ्य है। छठ महापर्व को देखते हुए बिहार सरकार पहले ही गाइडलाइंस जारी कर चुकी है। नई गाइडलाइंस जारी करते हुए बिहार सरकार ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग पर खासा जोर दिया है।
छठ पूजा घाट पर थूकना वर्जित
कोरोना वायरस के मद्देनजर जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक,छठ पूजा के आयोजकों- कार्यकर्ताओं और उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को समय समय पर साफ सैनेटाइज किया जाए। छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाले सतहों और बैरिकेडिंग को समय समय पर साफ किया जाए और सैनेटाइज किया जाए। छठ पूजा घाट पर यहां-वहां थूकना वर्जित होगा।