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कश्मीर में आतंक-पत्थरबाजी पर बच्चों को लेकर परेशान हुईं महबूबा, ऐसे की भावुक अपील

दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर समेत 5 आतंकी मारे गए थे, जिसके बाद कश्मीर घाटी में व्यापक हिंसा हुई।

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श्रीनगर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कश्मीरी अभिभावकों से भावुक अपील करते हुए आग्रह किया कि वह सुनिश्चित करें कि बच्चे आतंकवाद में शामिल होकर मौत को गले न लगाएं क्योंकि ईश्वर ने हम सभी को दुनिया में एक अच्छी जिंदगी के लिए भेजा है। दक्षिण कश्मीर के एक गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर समेत हिजबुल मुजाहिदीन के पांच आतंकी मारे गए थे, जिसके बाद कश्मीर घाटी में व्यापक हिंसा हुई थी। हिंसा में पांच नागरिकों की मौत होने के बाद महबूबा मुफ्ती की यह अपील सामने आई है।

'कल जो हुआ, बेहद दुखद था'
महबूबा ने यहां सिविल सचिवालय कार्यालयों के उद्घाटन समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, 'कल जो भी हुआ, बहुत दुखद था। मैं हमारे राज्य और देश भर के सभी लोगों के साथ-साथ भारत सरकार से हमारे बच्चों को बचाने की अपील करती हूं।' कश्मीर के पत्थरबाजों और सुरक्षा बलों के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'अधिकतर मामलों में गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले बच्चों के हाथों में ही पत्थर और बंदूकें होती हैं।'

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'ईश्वर ने हमें अच्छी जिंदगी के लिए भेजा है'
उन्होंने कहा, 'हमें एक ऐसा रास्ता तलाशने की जरूरत हैं जिससे हमारे बच्चे, सेना के जवान और पुलिसकर्मी मारे न जाएं।' मुफ्ती ने कहा, 'मेरी परिजनों से अपील है कि वह सुनिश्चित करें कि बच्चे आतंकवाद में शामिल होकर मौत को गले न लगाएं क्योंकि ईश्वर ने हम सभी को दुनिया में एक अच्छी जिंदगी के लिए भेजा है न कि 18-20 साल की उम्र में मौत को गले लगाने के लिए।' मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 'बच्चों को बचाने के लिए एक शांतिपूर्ण रास्ता तलाशने की' भी अपील की।

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