स्कूल की कार्रवाई से कोई फर्क नहीं पड़ता- टीचर
उधर महिला टीचर बंदिता बोराह ने अपने ऊपर हुई कार्रवाई को लेकर कहा कि वो इस आदेश की परवाह नहीं करतीं और असम के लोगों के साथ नए नागरिकता कानून का विरोध करती रहेंगी। बंदिता बोराह ने बताया कि ‘कुछ छात्राएं राज्य में हो रहे एंटी-CAA प्रदर्शनों को देखकर बहुत भावुक थीं। उन्होंने स्कूल परिसर में प्रदर्शन भी किया। मेरी एक सहयोगी टीचर ने उनका मजाक उड़ाते हुए प्रदर्शन करने वाले असमी लोगों को अनपढ़ बताया। छात्राओं ने टीचर से माफी मांगने की मांग की। छात्राओं की इस मांग का मैंन समर्थन किया था और कहा था कि शिक्षिका को ऐसा नहीं कहना चाहिए। इसपर अगर मुझे टर्मिनेट किया जाता है। तो यह हैरान करने वाली बात है।
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स्कूल प्रबंधन टीचर के जवाब से संतुष्ट नहीं
बंदिता बोराह के मुताबिक, उन्हें स्कूल की ओर से ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया। इसपर जवाब भी दिया गया। लेकिन 24 दिसंबर को स्कूल प्रशासन ने आदेश जारी कर मेरी सेवा समाप्त कर दिया। स्कूल प्रबंधन की दलील है कि बंदिता ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और बंदिता के जवाब से प्रशासन संतुष्ट नहीं है । लिहाजा स्कूल की बेहतरी के लिए उनकी FCSA के नाते सेवाओं को समाप्त किया जाता है।