
नई दिल्ली।
महाराष्ट्र में कोरोना के मामले एक बार फिर बढऩे लगे हैं। माना जा रहा है कि राज्य में कोरोना की यह दूसरी लहर है। वहीं, राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने कुछ जिलों में सख्ती बरतते हुए लॉकडाउन भी लगा दिया है। इन सबके बावजूद राज्य में कई लोग ऐसे हैं, जो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे। ऐसा ही नजारा अक्सर बाम्बे हाईकोर्ट परिसर में भी दिखाई दे जाता है। लगातार हो रही ऐसी लापरवाही को देखते हुए हाईकोर्ट के एक जज को अपनी नाराजगी जाहिर करनी पड़ी।
जस्टिस एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को एक मामले की सुनवाई कर रही थी। तभी उनकी नजर अदालत कक्ष में लगी भीड़ पर गई। फिर क्या था, जज साहब नाराज हो गए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों, वकीलों और याचिकाकर्ताओं को कोर्ट रूम से बाहर इंतजार करने को कहा।
जस्टिस शिंदे ने कहा कि अदालत में भीड़ नहीं करें, अन्यथा हम किसी भी याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना और भीड़ करना कोविड-19 महामारी के बीच प्रत्यक्ष तरीके से सुनवाई बहाल करने के लिए हाईकोर्ट की ओर से तय निर्देशों को उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया और सामाजिक दूरी का पालन करना हर किसी के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। जस्टिस शिंदे ने महाराष्ट्र के अमरावती जिले में 60 वकीलों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की घटना का हवाला भी दिया।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि यहां किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। हम अभी तक सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मामलों की सुनवाई के लिए फिर से हम ऑनलाइन प्रक्रिया वाली व्यवस्था में नहीं जाना चाहते। जस्टिस शिंदे ने वकीलों समेत कोर्ट रूम में मौजूद सभी लोगों से हर समय मास्क पहनने को भी कहा।
Published on:
02 Mar 2021 10:48 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
