scriptबाबरी विध्वंश मामले में आडवाणी, जोशी व कल्याण सहित 32 के खिलाफ आज आएगा फैसला, दोषी साबित होने पर हो सकती है जेल | judgment against Advani, Joshi and Kalyan including 49 in Babri demolition case will come today, if convicted, may be jailed | Patrika News

बाबरी विध्वंश मामले में आडवाणी, जोशी व कल्याण सहित 32 के खिलाफ आज आएगा फैसला, दोषी साबित होने पर हो सकती है जेल

locationनई दिल्लीPublished: Sep 30, 2020 07:24:07 am

Submitted by:

Dhirendra

बाबरी मस्जिद विध्वंश केस के 32 अभियुक्तों में 17 का निधन हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत को केस निस्तारित करने का आदेश दिया था।

Babri masjid

बाबरी मस्जिद विध्वंश केस के 49 अभियुक्तों में 17 का निधन हो चुका है।

नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद विध्वंश केस में 28 साल बाद आज अहम फैसला आ सकता है। सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव सुबह 10 बजे अपना फैसला सुनाएंगे। विशेष अदालत ने फैसले के समय लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह व उमा भारती समेत सभी 32 अभियुक्तों को मौजूद रहने को कहा है। इस मामले में 17 अभियुक्तों का निधन हो चुका है।
ये हैं बाबरी विध्वंस के 32 अभियुक्त

बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी 32 अभियुक्तों के किस्मत का फैसला आज होना है। इन अभियुक्तों में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर का नाम शामिल है।
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इनका हो चुका है निधन

इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से बनाए गए 49 आरोपियों में से 17 का निधन हो चुका है। इनमें अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महात्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास और विनोद कुमार बंसल का निधन हो चुका है।
2 से 5 साल तक की हो सकती है सजा

अगर सीबीआई की विशेष अदालत में यह साबित हो जाता है कि अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 में जो हुआ है, वो एक साजिश के तहत किया गया है तो 120 बी के आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा 5 साल की सजा हो सकती है। बाकी मामलों में 2 साल तक की सजा हो सकती है।
सीबीआई की विशेष अदालत आरोपियों को 3 साल तक की सजा देता है तो उन्हें निचली अदालतें जमानत दे सकती है, लेकिन अगर किसी को 5 साल की सजा हुई तो फिर उसके लिए हाईकोर्ट जाना पड़ेगा।
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बता दें कि 19 अप्रैल, 2017 को उच्चतम न्यायालय ने बाबरी विध्वंश से संबंधित सभी मामलों को सीबीआई की विशेष अदालत लखनऊ को निस्तारित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दो साल के अंदर ट्रायल समाप्त करने को कहा था। 21 मई, 2017 को स्पेशल सीबीआई कोर्ट अयोध्या प्रकरण में दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई प्रारंभ की। 8 मई, 2020 को उच्चतम न्यायालय ने निर्देशित किया कि यह ट्रायल 3 माह में समाप्त हो जाए और 31 अगस्त, 2020 की तारीख फैसले के लिए तय कर दी। लेकिन ट्रायल समाप्त न होने और लॉकडाउन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को ट्रायल समाप्त करने का आदेश दिया था।

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