26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जस्टिस रंजन गोगोई: भारतीय न्‍याय व्‍यवस्‍था में सुधार की नहीं, क्रांति की जरूरत

बगैर न्‍यायिक सक्रियता के आम लोगों को कम समय में प्रभावी न्‍याय दिलाना संभव नहीं है।

less than 1 minute read
Google source verification
gogoi

जस्टिस रंजन गोगोई बोले: भारतीय न्‍याय व्‍यवस्‍था में सुधार की नहीं, क्रांति की जरूरत

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर आम आदमी को सहज, सुलभ और प्रभावी न्‍याय दिलाने के लिए भारतीय न्‍यायिक प्रणाली में सुधार के बदले क्रांतिकारी कदम उठाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने इस दिशा में तत्‍काल जरूरी कदम उठाने पर भी बल दिया। इसके साथ उन्‍होंने इस बात पर भी जोर दिया कि न्यायपालिका को और अधिक सक्रिय होना होगा।

भरोसे को बनाए रखना हमारी जिम्‍मेदारी
जस्टिस गोगोई ने कहा कि आम लोगों के लिए न्यायपालिका उम्मीद की आखिरी किरण है। भारतीय न्‍यायपालिका पर संवैधानिक मूल्‍यों के रक्षा की जिम्‍मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट का इतिहास इस मामले में गर्व करने वाला रहा है। हमारी न्‍याय प्रणाली पर समाज के लोगों का भरोसा काफी मजबूत है। इस विश्‍वास को बनाए रखने की जरूरत है।

न्‍यायपालिका और मीडिया की भूमिका अहम
उन्होंने हाउ डेमोक्रेसी डाइज नामक शीर्षक से प्रकाशित एक लेख का जिक्र करते हुए कहा कि स्वतंत्र न्यायाधीश और स्‍वतंत्र पत्रकार लोकतंत्र की रक्षा करने वाली अग्रिम पंक्ति की संस्‍थाएं हैं। दोनो ही संस्‍थानों पर लोगों के भरोसे को कायम रखने की महती जिम्‍मेदारी है। यह कानूनी और नैतिक दोनों रूपों में हमारे सामने में आती रहती हैं। इसलिए इन संस्‍थानों से जुड़े लोगों हमेशा तत्‍पर रहने की जरूरत है। खासतौर से वर्तमान दौर में।

त्‍वरित न्‍याय पर जोर
जस्टिस गोगोई ने इस बात पर भी गंभीर चिंता जताई कि न्याय देने के प्रक्रिया काफी धीमी है। इसे तेज करने की जरूरत है। लंबित मामलों में त्‍वरित आधार पर निपटारा करना होगा ताकि न्‍यायिक जड़ता से बचा जा सके।जस्टिस गोगोई ने कहा कि हर स्‍तर पर व्‍यापक बदलाव की जरूरत है। सुधार योजना पर गंभीरता और दूरदर्शिता के साथ अमल करना होगा। साथ ही हर स्‍तर पर सावधानियां भी बरतनी होंगी।