
नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साध्वी यौन शोषण मामले की चर्चा पूरे देश में है। पंचकुला और सिरसा पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। ऐसे में उस जज की बातें पर जोरों पर हैं जिसे इस केस पर अपना फैसला सुनाना है। 15 साल पुराने इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिकेशन (सीबीआई) के जज जगदीप सिंह अपना फैसला सुनाएंगे।
बढ़ाई गई जज की सुरक्षा
डेरा समर्थकों ने धमकी दी है कि अगर कोर्ट का फैसला राम रहीम के खिलाफ आया तो वो फैसला सुनाने वाले को मार देंगे और खुद भी मर जाएंगे। लिहाजा जस्टिस जगदीप सिंह और इस केस से जुड़े सभी पक्षकारों की सुरक्षा बढ़ा गई है।
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अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं
आमतौर पर सीबीआई कोर्ट में जज की नियुक्ति आसान नहीं होता लेकिन जस्टिस जगदीप सिंह के काम और उनकी काबिलियत को देखते हुए दूसरी ही पोस्टिंग सीबीआई जज के लिए हुई। जस्टिस जगदीप की 2012 में हरियाणा की न्यायिक सेवाओं में शामिल होने के बाद पहली तैनाती सोनीपत में हुई। जस्टिस जगदीप सिंह 2016 में ही सीबीआई के स्पेशल जज चुने गए थे। जस्टिस जगदीप सिंह अपनी इमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
गाड़ी रुकवाकर घायलों को भेजा था अस्पताल
जस्टिस जगदीप सिंह 2016 में उस वक्त सुर्खियों में आए, जब उन्होंने हादसे में घायल लोगों को खुद अस्पताल भिजवाया था। जानकारी के मुताबिक जस्टिस जगदीप पिछले साल सितंबर में हिसार से पंचकूला जा रहे थे। तभी रास्ते में एक गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। जस्टिस जगदीप ने तुरंत गाड़ी रुकवाई और एंबुलेंस को फोन किया। एंबुलेंस के आने में जब देरी होने लगी तब उन्होंने एक गाड़ी रुकवाकर घायलों का हॉस्पिटल भेजा था।
पंजाब विश्वविद्यालय से ली कानून की डिग्री
वर्ष 2000 में पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल कर चुके जस्टिस जगदीप ने न्यायिक सेवा में आने से पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत कर चुके हैं। 2000 से 2012 के बीच उन्होंने कई नागरिक और आपराधिक मामले उठाए हैं।
Published on:
24 Aug 2017 03:19 pm
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