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कड़कनाथ मुर्गा बढ़ा सकता है कोरोना मरीजों की इम्युनिटी, रिसर्च सेंटर ने ICMR और DHR को लिखा पत्र

locationनई दिल्लीPublished: Jul 09, 2021 11:17:46 pm

Submitted by:

Anil Kumar

मध्य प्रदेश के झाबुआ कड़कनाथ रिसर्च सेंटर और कृषि विज्ञान केंद्र का दावा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान और उससे ठीक होने के बाद की डाइट में कड़कनाथ मुर्गे का इस्तेमाल शरीर की इम्युनिटी बढ़ा सकता है। इस संबंध में ICMR और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च (DHR) को एक चिट्ठी लिखी है।

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Kadaknath Murga Can Increase Corona Patients Immunity, Research Center Wrote Letter To ICMR

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर में वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए अधिक से अधिक प्रभावी वैक्सीन बनाने की दिशा में दुनियाभर के मेडिकल शोधकर्ता व वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे हैं। इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है , जो चौंकाने वाली है।

दरअसल, ये कहा जा रहा है कि कड़कनाथ मुर्गा कोरोना मरीजों के इम्युनिटी को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। इस संबंध में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को एक पत्र भी लिखा गया है। जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के झाबुआ कड़कनाथ रिसर्च सेंटर और कृषि विज्ञान केंद्र का दावा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान और उससे ठीक होने के बाद की डाइट में कड़कनाथ मुर्गे का इस्तेमाल शरीर की इम्युनिटी बढ़ा सकता है। इस संबंध में ICMR और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च (DHR) को एक चिट्ठी लिखी है।

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दोनों ही रिसर्च सेंटर ने दावा किया है कि कड़कनाथ मुर्गे के मांस में हाई प्रोटीन, विटमिन, जिंक और लो फैट पाया जाता है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल फ्री भी है। यदि इसका इस्तेमाल कोरोना के दौरान या उसके बाद डाइट में किया जाए तो मरीजों का इम्युनिटी काफी बेहतर हो सकता है।

रिसर्च सेंटर्स ने ICMR को लिखी चिट्ठी

रिसर्च सेंटर ने अपने दावे के समर्थन में नेशनल मीट रिसर्च सेंटर और मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट की प्रतियां भी लगाई गई हैं। इसके अलावा ट्विटर पर भी सुझाव पत्र दिए गए हैं। दोनों संस्थाओं ने कड़कनाथ के अंडों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया है। दोनों संस्थाओं ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है। ट्वीट में रिसर्च सेंटर ने ICMR को सुझाव भी दिए हैं। साथ ही सूबत के तौर पर कुछ दस्तावेज भी भेजे हैं। बता दें कि इससे पहले झाबुआ कृषि विज्ञान केंद्र ने कड़कनाथ मुर्गें के मीट और अंडे के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई को भी पत्र लिख चुका है।

ICMR ले सकता है निर्णय!

जानकारी के मुताबिक, ICMR की ओर से अभी इसपर कोई रिसर्च नहीं किया गया है। कड़कनाथ मुर्गा का असर कोरोना संक्रमण के बाद बेहद कमजोर इम्युनिटी वालों लोगों पर कितना पड़ता है, इसकी जानकारी प्रारंभिक परीक्षण के बाद ही मिल सकता है। अगर परिणाम सकारात्मक रहे, तो इसे डाइट में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में आईसीएमआर पर निर्भर करता है कि झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे ओर उसके अंडों को कोविड ओर पोस्ट कोविड के मरीजों की डाइट में शामिल किया जा सकता है या नहीं?

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महेंद्र सिंह धोनी ने दिया था ऑर्डर

मालूम हो कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने रांची स्थित अपने फार्महाउस पर कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग के लिए झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क किया था। महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने जिले की एक संस्था को करीब 2 हजार चुजों का आर्डर भी दिया था।

क्यों इतने खास हैं कड़कनाथ मुर्गे ?

जानकारी के अनुसार, कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे बाकी अन्य प्रजाति के मुर्गों से अलग होता है। इसमें विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन से भरपूर होता है। इसका खून, हड्डियां और सम्पूर्ण शरीर काला होता है। इस मुर्गे में कोलेस्ट्रॉल और फैट जैसे तत्व न के बराबर होते हैं। हैदराबाद नेशनल मीट रिसर्च लैबोरेट्री भी इसकी पुष्टि कर चुकी है।

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