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कन्हैया की तबियत बिगड़ी, एम्स में कराया गया भर्ती

भूख हड़ताल पर बैठे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तबियत बिगडऩे पर गुरुवार रात उन्हें एम्स ले जाया गया

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Rakesh Mishra

May 06, 2016

Kanhaiya Kumar

Kanhaiya Kumar

नई दिल्ली। भूख हड़ताल पर बैठे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तबियत बिगडऩे पर गुरुवार रात उन्हें एम्स ले जाया गया। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सुनाई गई सजा के खिलाफ भूख हड़ताल कर रहे पांच अन्य छात्रों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है।

इससे पहले उन्हें परिसर के ही स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार के लिए ले जाया गया था। कन्हैया का रक्तचाप गिरकर 56.80 रह गया और रक्त में ग्लूकोज का स्तर भी तेजी से घट गया। इसकी वजह से कन्हैया को लगातार उलटी होने लगी और उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में ही स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाया गया था। केन्द्र में कन्हैया का प्रारंभिक उपचार किया गया। डाक्टरों का कहना है कि यदि कन्हैया ने भूख हड़ताल जारी रखी तो उनका स्वास्थ्य और खराब हो सकता है और आंतरिक रक्तस्राव की आशंका बनी हुई है। कन्हैया ने भूख हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया है, जिसे देखते हुए डाक्टर उल्टी रोकने के इंजेक्शन दिए थे।

गौरतलब है कि हड़ताली छात्रों के गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति ने उनसे भूख हडताल खत्म करने की अपील की थी। विश्वविद्यालय में इस वर्ष नौ फरवरी को हुए एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारों की जांच के लिए गठित की गई उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर दंडित छात्रों के समर्थन कन्हैया और अन्य छात्र 28 अप्रैल से भूख हड़ताल पर बैठे थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से मुलाकात की थी और जेएनयू छात्र संघ के संयुक्त सचिव और एबीवीपी के सदस्य सौरभ शर्मा पर लगाए गए जुर्माने को वापस लेने पर विचार विमर्श किया था। शर्मा पर समिति ने विश्वविद्यालय परिसर में यातायात को बाधित करने का दोषी मानते हुए दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

गौरतलब है कि नौ फरवरी को एक समारोह के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रविरोधी नारे लगे थे और संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का गुणगान किया गया था। इसके बाद कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्वान भट्टाचार्य को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच करने वाली कमेटी ने कन्हैया कुमार पर दस हजार का जुर्माना लगाया था और खालिद और भट्टाचार्य पर एक-एक सत्र के लिए रोक लगा दी थी। एक अन्य छात्र मुजीब गल्लू पर दो सत्र की रोक लगाई गई थी। खालिद को 13 मई तक 20 हजार रुपये जुर्माना भी अदा करने को कहा गया था।

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