
nayak dhigendra singh
राजस्थान सीकर के रहने वाले रिटायर्ड फौजी दिगेंद्र सिंह एक बार फिर बॉर्डर पर पाकिस्तानी फौज का सामना करने को तैयार हैं। उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पाक की नापाक करतूत के बाद इनका भी खून खोल रहा है। इसके बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इस बार जंग हुई तो ये लडऩे के लिए बॉर्डर पर जरूर जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली बार 48 को मारा था इस बार ये आंकड़ा 100 के पार पहुंचा दूंगा।
1999 के करगिल युद्ध ने इन्होंने पाकिस्तानी फौज का डटकर सामना किया था। इस दौरान पांच गोलियां लगने के बाद भी उन्होंने 48 पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था। दिगेंद्र सीकर जिले के झालरा गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 3 जुलाई 1969 में हुआ था।
31 जुलाई 2005 को रिटायर हुए थे दिगेंद्र
दिगेन्द्र सिंह 3 सिंतबर 1985 में सेना की सबसे बेहतरीन बटालियन 2 राजपूताना रायफल्स में भर्ती हुए थे। 47 वर्षीय दिगेंद्र सिंह 31 जुलाई, 2005 को रिटायर हो चुके हैं, मगर खुद को अब भी युद्ध लडऩे के काबिल मानते हैं। दिगेन्द्र एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर इंडिया-पाक का वॉर हुआ तो इंडिया की ओर से लडऩे की हरसंभव कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि जिस दिन वॉर की घोषणा होगी मैं बिस्तर उठाकर अपनी बटालियन के पास चला जाउंगा। अगर इंडियन गवर्नमेंट या मेरी बटालियन आदेश नहीं देगी तो उसके लिए हर संभव कोशिश करूंगा। दिगेन्द्र को 15 अगस्त, 1999 में महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
सीकर के इस बेटे ने काटा था पाकिस्तान के मेजर का सिर
कारगिल वॉर के दौरान दिगेंद्र ने चाकू से पाकिस्तान के मेजर अनवर का सिर काटकर उसमें तिरंगा फहराया था। दिगेंद्र के मुताबिक, उनके पास वॉर का एक्सपीरियंस है। अगर लडऩे का मौका नहीं मिला तो क्या हुआ फौजियों के लिए किसी काम तो आ सकता हूं। कारगिल युद्ध में दिगेंद्र के सीने में 3, हाथ व पैर में एक-एक गोली लगी थी।
युद्ध के बाद दिगेंद्र सिंह को राष्ट्रपति डॉक्टर केआर नारायणन ने महावीर चक्र से नवाजा था। दिगेंद्र को इंडियन आर्मी को बेस्ट कमांडो के रूप में भी जाना जाता है।
Published on:
29 Jul 2017 12:47 pm
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